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क्रॉस जेंडर मसाज पर रोक के बाद स्पा मालिकों ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

SDMC ने स्पा मसाज सेंटर में क्रॉस जेंडर मसाज पर राेक लगा दी है. साथ ही रिहायशी इलाके में मसाज स्पा सेंटर भी अब नहीं खोले जा सकेंगे. इस नये नियम से स्पा मालिकाें में राेष है. उनका मानना है कि ये gender discrimination है, जो पूरी तरह गलत है.

क्रॉस जेंडर मसाज
क्रॉस जेंडर मसाज
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Published : Oct 14, 2021, 4:38 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में साउथ दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने स्पा और मसाज सेंटर्स (spa and massage centers) के लिए नई लाइसेंस पॉलिसी को लागू किया है. इनमें क्रॉस जेंडर मसाज (cross gender massage) पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यानी कि अब पुरुष का मसाज महिला नहीं कर सकेगी और न ही पुरुष किसी महिला को मसाज दे सकेगा. इसके अलावा रिहायशी इलाकों में भी नए मसाज सेंटर खोलने पर रोक लगा दी गई है. रिहायशी इलाकों में पहले से जो मसाज सेंटर चल रहे हैं, उन्हें नए नियमों के तहत निगम से लाइसेंस लेना होगा. मसाज कराने आने वाले ग्राहकों को भी अब पहचान पत्र दिखाना होगा.

क्रॉस जेंडर मसाज पर राेक के बाद स्पा मालिकाें में नाराजगी.

इन सभी नियमों को लेकर स्पा मालिकों की तरफ से विरोध जताया जा रहा है. क्रॉस जेंडर मसाज (cross gender massage) पर रोक लगाए जाने के बाद अब स्पा मालिकों (spa owners) ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नाै नवंबर को पूरे मामले पर सुनवाई होगी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का राजधानी दिल्ली में स्पा और मसाज सेंटर मालिकों के द्वारा पूर्ण रूप से विरोध किया जा रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में स्पा मालिक रवि टंडन ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा लिए गए फैसले का विरोध किया है.

उनका कहना है कि आप किसी भी काम में जेंडर की वजह से भेदभाव नहीं कर सकते. जेंडर डिस्क्रिमिनेशन (gender discrimination) किया जाना गलत है. मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने इस पूरे मामले को लेकर अपना फैसला सुनाया था, उसमें लगी रोक को हटा दिया गया था. हाल ही में दिल्ली सरकार के द्वारा भी इसी तरह का फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद हमें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था और अब एसडीएमसी (SDMC) ने दोबारा इस तरह की रोक लगाई है. ऐसे में हमें दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जाना पड़ेगा और न्याय की मांग करनी पड़ेगी.

स्पा मसाज सेंटर
स्पा मसाज सेंटर

ये भी पढ़ें - स्कूल में मसाज कराने वाले प्रधानाध्यापक निलंबित

दिल्ली स्पा एसोसिएशन की अध्यक्ष पूजा चटर्जी ने कहा कि एसडीएमसी (SDMC) ने जो फैसला लिया है यह गलत है. जेंडर डिस्क्रिमिनेशन (gender discrimination) के आधार पर किसी भी काम को विभाजित नहीं किया जा सकता.एसडीएमसी को अपने पूरे फैसले के ऊपर दोबारा विचार करना होगा वहीं दूसरी तरफ दिल्ली स्पा एसोसिएशन (Delhi Spa Association) ने इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. मामले पर नाै नवंबर को सुनवाई होगी.

एसडीएमसी (SDMC) के अधिकारियों की मानें तो नए नियम को नोटिफाई (Notify) कराने के लिए एमसीडी ने दिल्ली सरकार के पास भेजी थी, जिस पर अब दिल्ली सरकार से मंजूरी आ गई है.पुराने पॉलिसी में ही नए नियमों को जोड़ दिया गया है,जिसमें किसी भी स्पा मसाज सेंटर में क्रॉस जेंडर मसाज पर रोक लगा दी गई (Cross gender massage banned in spa massage center) है. साथ ही रिहायशी इलाके में मसाज स्पा सेंटर भी अब नहीं खोला जा सकेगा. जबकि पहले से जो मसाज सेंटर चल रहे हैं उन्हें नए नियमों के अनुसार ही एसडीएमसी से लाइसेंस लेना होगा.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में साउथ दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने स्पा और मसाज सेंटर्स (spa and massage centers) के लिए नई लाइसेंस पॉलिसी को लागू किया है. इनमें क्रॉस जेंडर मसाज (cross gender massage) पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यानी कि अब पुरुष का मसाज महिला नहीं कर सकेगी और न ही पुरुष किसी महिला को मसाज दे सकेगा. इसके अलावा रिहायशी इलाकों में भी नए मसाज सेंटर खोलने पर रोक लगा दी गई है. रिहायशी इलाकों में पहले से जो मसाज सेंटर चल रहे हैं, उन्हें नए नियमों के तहत निगम से लाइसेंस लेना होगा. मसाज कराने आने वाले ग्राहकों को भी अब पहचान पत्र दिखाना होगा.

क्रॉस जेंडर मसाज पर राेक के बाद स्पा मालिकाें में नाराजगी.

इन सभी नियमों को लेकर स्पा मालिकों की तरफ से विरोध जताया जा रहा है. क्रॉस जेंडर मसाज (cross gender massage) पर रोक लगाए जाने के बाद अब स्पा मालिकों (spa owners) ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नाै नवंबर को पूरे मामले पर सुनवाई होगी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का राजधानी दिल्ली में स्पा और मसाज सेंटर मालिकों के द्वारा पूर्ण रूप से विरोध किया जा रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में स्पा मालिक रवि टंडन ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा लिए गए फैसले का विरोध किया है.

उनका कहना है कि आप किसी भी काम में जेंडर की वजह से भेदभाव नहीं कर सकते. जेंडर डिस्क्रिमिनेशन (gender discrimination) किया जाना गलत है. मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने इस पूरे मामले को लेकर अपना फैसला सुनाया था, उसमें लगी रोक को हटा दिया गया था. हाल ही में दिल्ली सरकार के द्वारा भी इसी तरह का फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद हमें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था और अब एसडीएमसी (SDMC) ने दोबारा इस तरह की रोक लगाई है. ऐसे में हमें दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जाना पड़ेगा और न्याय की मांग करनी पड़ेगी.

स्पा मसाज सेंटर
स्पा मसाज सेंटर

ये भी पढ़ें - स्कूल में मसाज कराने वाले प्रधानाध्यापक निलंबित

दिल्ली स्पा एसोसिएशन की अध्यक्ष पूजा चटर्जी ने कहा कि एसडीएमसी (SDMC) ने जो फैसला लिया है यह गलत है. जेंडर डिस्क्रिमिनेशन (gender discrimination) के आधार पर किसी भी काम को विभाजित नहीं किया जा सकता.एसडीएमसी को अपने पूरे फैसले के ऊपर दोबारा विचार करना होगा वहीं दूसरी तरफ दिल्ली स्पा एसोसिएशन (Delhi Spa Association) ने इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. मामले पर नाै नवंबर को सुनवाई होगी.

एसडीएमसी (SDMC) के अधिकारियों की मानें तो नए नियम को नोटिफाई (Notify) कराने के लिए एमसीडी ने दिल्ली सरकार के पास भेजी थी, जिस पर अब दिल्ली सरकार से मंजूरी आ गई है.पुराने पॉलिसी में ही नए नियमों को जोड़ दिया गया है,जिसमें किसी भी स्पा मसाज सेंटर में क्रॉस जेंडर मसाज पर रोक लगा दी गई (Cross gender massage banned in spa massage center) है. साथ ही रिहायशी इलाके में मसाज स्पा सेंटर भी अब नहीं खोला जा सकेगा. जबकि पहले से जो मसाज सेंटर चल रहे हैं उन्हें नए नियमों के अनुसार ही एसडीएमसी से लाइसेंस लेना होगा.

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