लखनऊ: कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की कोर्ट में हत्या करने वाले विजय यादव उर्फ आनंद के कबूलनामा वाले वायरल वीडियो ने कई सवाल उठा दिए हैं. हत्या के जिस मकसद को अब तक पुलिस ने आधिकारिक तौर पर नहीं बताया. आखिर वह कबूलनामा एकाएक कैसे पुलिस के मोबाइल से बाहर आ गया. इतना ही नहीं शूटर वीडियो में सुपारी मिलने की जो वजह बता रहा है, उसमें भी कई झोल सामने आए हैं. ऐसे में हत्या की असल वजह आरोपी विजय यादव की पुलिस रिमांड मिलने के बाद ही सामने आ सकती है.
कोर्ट में हुई कुख्यात संजीव जीवा की हत्या के पांच दिन बाद अचानक आरोपी के कबूलनामे के एक वायरल वीडियो ने हड़कंप मचा दिया. वीडियो में आरोपी विजय यादव यह कहते हुए दिख रहा कि उसे जीवा की सुपारी नेपाल में रहने वाले असलम ने 20 लाख रुपये में दी थी. असलम जीवा से अपने भाई के अपमान का बदला लेना चाहता था. वीडियो में आरोपी विजय बता रहा है कि असलम का एक भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है और कुछ दिन पहले जीवा ने अतीफ की दाढ़ी नोची थी. राजधानी में सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले जौनपुर निवासी आरोपी विजय यादव के वायरल वीडियो में संजीव जीवा, असलम और अतीफ को लेकर की गई बातों में कई झोल सामने आए हैं.
अपराधी संजीव जीवा से जुड़ी बातें
संजीव जीवा को बाराबंकी जेल से लखनऊ की हाई सिक्युरिटी सेल में 10 जून 2019 को बंद किया गया था. लखनऊ जेल की हाई सिक्युरिटी सेल में जीवा के अलावा लगभग 50 कुख्यात अपराधी बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन कुख्यात अपराधियों में एक भी अपराधी का नाम अतीफ नहीं है. हाई सिक्युरिटी सेल में बंद कैदियों को सामान्य बैरक में बंद कैदियों से मुलाकात की इजाजत नहीं होती है. सूत्रों के मुताबिक, सामान्य बैरक में चार अतीफ नाम के कैदी बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक, इसमें किसी भी अतीफ के भाई का नाम असलम नहीं है. ऐसे में किसी भी अतीफ से संजीव जीवा की मुलाकात तक संभव नहीं है तो विवाद तो फिर दूर की बात है.
कोर्ट से रिमांड मिलने का पुलिस को इंतजार
सूत्रों के मुताबिक, बीते बुधवार को संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद पकड़े गए आरोपी विजय यादव ने अस्पताल में दिए गए कबूलनामे में बताई गई बातों को वेरिफाई करने के लिए सोमवार को पुलिस लखनऊ जेल से संजीव जीवा के हाई सिक्युरिटी सेल और अन्य कुछ हिस्सो में लगे सीसीटीवी फुटेज लेकर आई है. हिलहाल, पुलिस को 14 जून को कोर्ट में होने वाली आरोपी विजय की पुलिस रिमांड को सुनवाई का इंतजार है. रिमांड मिलने पर ही पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि आखिर आरोपी ने झूठ क्यों बोला और हत्या का असली मकसद क्या था.
एक नजर में जीवा हत्याकांड
7 जून को लखनऊ की विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट कोर्ट में 11.30 पर संजीव जीवा पेशी में आया था. 3.15 बजे गवाही के दौरान जीवा ने पेशाब जाने के लिए पुलिसकर्मियों से कहा था. पेशाब कर वापस कोर्ट के अंदर जाते हुए 3:30 बजे वकील की ड्रेस पहने व्यक्ति ने जीवा पर फायरिंग कर दी थी. फायरिंग के दौरान जीवा की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस दौरान सुरक्षा में तैनात दो सिपाही लाल मोहम्मद व कमलेश को भी गोली लगी थी. जीवा के सीने को पार करती हुई गोली कोर्ट में मौजूद डेढ़ वर्ष की बच्ची को जाकर लगी थी. शूटर की पहचान जौनपुर के केराकत निवासी विजय उर्फ आनंद यादव के रूप में हुई थी. जीवा लखनऊ जेल में बीजेपी विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या की सजा काट रहा था. संजीव जीवा कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी शामिल था.
यह भी पढ़ें: संजीव माहेश्वरी के हत्यारोपी विजय की पुलिस ने मांगी कस्टडी रिमांड