नई दिल्ली : 2016 के चुनावों की तुलना में केरल विधानसभा चुनाव 2021 में आपराधिक मामलों का सामना करने वाले प्रत्याशियों की संख्या बढ़ गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि केरल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों में से 38 फीसदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
बता दें, 2016 केरल विधानसभा चुनाव में जहां 28 प्रतिशत उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को प्रस्तुत हलफनामों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे. वहीं, इस बार 10 प्रतिशत अधिक उम्मीदवार हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में 928 उम्मीदवारों में से 355 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया था. इनमें भाजपा का भी एक उम्मीदवार शामिल है.
पढ़ें - कोकराझार में पीएम मोदी बोले- असम के लोगों को महाझूठ से सतर्क रहना है
केरल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने 957 उम्मीदवारों में से 928 के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया. रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 355 (38%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए. वहीं, 167 उम्मीदवारों (18%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए.
रिपोर्ट के अनुसार, कोनी और मंजेश्वर सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार के सुरेंद्रन भी ऐसे मामलों में शामिल हैं. इन्होंने अपने खिलाफ 248 आपराधिक मामलों की जानकारी दी. इसमें हत्या के प्रयास, डकैती और इनसे संबंधित मामले शामिल हैं. वहीं, थिरपुनिथुरा के भाजपा प्रत्याशी केएस राधाकृष्णन ने भी खुद पर 211 आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें डकैती समेत कई मामले शामिल हैं.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की बात करें तो वे भी इस दौड़ में शामिल हैं. केरल विधानसभा चुनाव में 87 कांग्रेस उम्मीदवारों में से 89 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी.