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गोरखपुर के गांव की महिलाओं और बेटियों ने खुद को किया घरों में कैद, पुलिस से लगाई ये गुहार

गोरखपुर के एक गांव की महिलाओं ने खुद को घरों में कैद लिया है. महिलाओं ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2023, 8:04 AM IST

गोरखपुर: जिले का एक ऐसा गांव जहां की महिलाओं और बेटी घरों में कैद होकर रह गईं हैं. इन्होंने एडीजी अखिल कुमार से सुरक्षा की गुहार लगाई है. मांग की है कि गांव में कच्ची शराब का ठेका बंद करवा दें ताकि वे नशेड़ियों के आतंक से मुक्त हो सकें. एडीजी ने मामले का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को पुलिस की एक टीम गांव में भेजी. इसके साथ ही वह खुद गांव में पहुंचकर चौपाल लगाएंगे. मामला कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के मुसाबार गांव की हैं.

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महिलाओं ने पुलिस से मांगी मदद.

महिलाओं का कहना है कि नशेड़ियों के कारण वे घरों में कैद होने को मजबूर है. दोपहर दो बजे के बाद महिलाएं अपने घरों से नहीं निकलती हैं जो नशेड़ियों के खौंफ की देन है. महिलाओं का कहना है कि दोपहर बाद से ही नशेड़ियों का आतंक शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहता है. रास्ते में निकलने वाली महिलाएं, लड़कियां कोई भी सुरक्षित नहीं है.

महिलाओं का कहना है कि नशेड़ी उनके साथ आए दिन अभद्रता, अश्लीलता और गाली गलौज के साथ मारपीट भी करते हैं, इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस चौकी और थाने पर की जाती है तो वहां से भी कोई मदद नहीं मिलती. यही वजह है कि गांव की महिलाएं खुद को अपने घरों में कैद करने को मजबूर हो चुकी हैं.

इस मामले में गांव की एक युवती ने मजबूर होकर एक स्वयंसेवी संस्था के सदस्य को व्हाट्सएप पर मैसेज किया और मदद भी मांगी है. लिखा कि गांव में कच्ची(देशी शराब) बंद करवा दीजिए, सभी लड़कियां आपकी एहसानमंद रहेंगी. यही मैसेज एडीजी जोन अखिल कुमार तक पहुंचा तो पुलिस महकमे के कान खड़े हो गए. इसके बाद एडीजी ने गांव में तुरंत पुलिस टीम को भेजा है जो नशेड़ियों पर नजर रखे हुए हैं.

इस मामले में गांव की महिलाएं अपना नाम न छापने के शर्त पर कहती हैं कि यह समस्या पिछले कई वर्षों से है. जिम्मेदारों और पुलिस की मिलीभगत के कारण यहां के शराबियों और नशेड़ियों का हौंसला बढ़ा हुआ है. इनके आतंक से हम बेहद परेशान हैं. पुलिस से शिकायत आज तक काम नहीं आई है. किसी तरह शराब की भट्ठियां बंद हो जाएं तो समस्या ही दूर हो जाए. शराब की वजह से अब तक कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं.

एडीजी जोन अखिल कुमार का इस मामले में कहना है कि यह मैसेज स्वयं सेवी संस्था के किसी सदस्य ने उन्हे भेजा था. पुलिस लगातार मॉनिटरिंग कर सच्चाई का पता लगा रही है. एक चौपाल के माध्यम से काउंसलिंग करूंगा, इस दौरान जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी भी ऐसे शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, जो भी लोग इसमें लिप्त है.

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर में फर्जी दस्तावेजों की मदद से नौकरी कर रही थी शिक्षिका, मुकदमा दर्ज

ये भी पढ़ेंः प्रेमिका के नाम पर कराया जमीन का बैनामा, तो पत्नी ने पति को पेड़ में बांधकर पीटा

गोरखपुर: जिले का एक ऐसा गांव जहां की महिलाओं और बेटी घरों में कैद होकर रह गईं हैं. इन्होंने एडीजी अखिल कुमार से सुरक्षा की गुहार लगाई है. मांग की है कि गांव में कच्ची शराब का ठेका बंद करवा दें ताकि वे नशेड़ियों के आतंक से मुक्त हो सकें. एडीजी ने मामले का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को पुलिस की एक टीम गांव में भेजी. इसके साथ ही वह खुद गांव में पहुंचकर चौपाल लगाएंगे. मामला कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के मुसाबार गांव की हैं.

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महिलाओं ने पुलिस से मांगी मदद.

महिलाओं का कहना है कि नशेड़ियों के कारण वे घरों में कैद होने को मजबूर है. दोपहर दो बजे के बाद महिलाएं अपने घरों से नहीं निकलती हैं जो नशेड़ियों के खौंफ की देन है. महिलाओं का कहना है कि दोपहर बाद से ही नशेड़ियों का आतंक शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहता है. रास्ते में निकलने वाली महिलाएं, लड़कियां कोई भी सुरक्षित नहीं है.

महिलाओं का कहना है कि नशेड़ी उनके साथ आए दिन अभद्रता, अश्लीलता और गाली गलौज के साथ मारपीट भी करते हैं, इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस चौकी और थाने पर की जाती है तो वहां से भी कोई मदद नहीं मिलती. यही वजह है कि गांव की महिलाएं खुद को अपने घरों में कैद करने को मजबूर हो चुकी हैं.

इस मामले में गांव की एक युवती ने मजबूर होकर एक स्वयंसेवी संस्था के सदस्य को व्हाट्सएप पर मैसेज किया और मदद भी मांगी है. लिखा कि गांव में कच्ची(देशी शराब) बंद करवा दीजिए, सभी लड़कियां आपकी एहसानमंद रहेंगी. यही मैसेज एडीजी जोन अखिल कुमार तक पहुंचा तो पुलिस महकमे के कान खड़े हो गए. इसके बाद एडीजी ने गांव में तुरंत पुलिस टीम को भेजा है जो नशेड़ियों पर नजर रखे हुए हैं.

इस मामले में गांव की महिलाएं अपना नाम न छापने के शर्त पर कहती हैं कि यह समस्या पिछले कई वर्षों से है. जिम्मेदारों और पुलिस की मिलीभगत के कारण यहां के शराबियों और नशेड़ियों का हौंसला बढ़ा हुआ है. इनके आतंक से हम बेहद परेशान हैं. पुलिस से शिकायत आज तक काम नहीं आई है. किसी तरह शराब की भट्ठियां बंद हो जाएं तो समस्या ही दूर हो जाए. शराब की वजह से अब तक कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं.

एडीजी जोन अखिल कुमार का इस मामले में कहना है कि यह मैसेज स्वयं सेवी संस्था के किसी सदस्य ने उन्हे भेजा था. पुलिस लगातार मॉनिटरिंग कर सच्चाई का पता लगा रही है. एक चौपाल के माध्यम से काउंसलिंग करूंगा, इस दौरान जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी भी ऐसे शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, जो भी लोग इसमें लिप्त है.

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