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300 करोड़ के MD Drugs मामले में महाराष्ट्र से फरार दो शातिर बदमाश गिरफ्तार, Barabanki से Nepal भागने की फिराक में थे

300 करोड़ के MD Drugs मामले में महाराष्ट्र से फरार दो शातिर बदमाशों को बाराबंकी से गिरफ्तार किया गया है. उनसे UP STF और Maharashtra Crime Branch Pune पूछताछ कर रही है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 11, 2023, 8:22 AM IST

बाराबंकीः नासिक में 300 करोड़ की 150 किलो एमडी ड्रग्स की रिकवरी (Recovery of MD drugs worth Rs 300 crore in Nashik) के बाद नेपाल भाग रहे इस मामले के दो आरोपियों को यूपी एसटीएफ और महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच पुणे (UP STF and Maharashtra Crime Branch Pune) ने बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया.

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दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े.
बताते चलें कि क्राइम ब्रांच पुणे के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील ताम्बे ने यूपी एसटीएफ से मिलकर बताया कि महाराष्ट्र राज्य में कुछ दिनों पहले 150 किलो एमडी (ड्रग्स) की रिकवरी हुई थी जिसकी अनुमानित कीमत तीन सौ करोड़ रुपये है. सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि सूचना मिली थी कि इसके मुख्य आरोपी अभिषेक बिलास बालकवड़े पुत्र बिलास बालकवडे, और भूषण अनिल पाटिल पुत्र अनिल पाटिल लखनऊ में मौजूद हैं और नेपाल भागने की फ़िराक मे हैं.

यह भी बताया गया कि यह दोनों अभियुक्त जनपद पुणे व नासिक के कई अन्य मादक पदार्थ तस्करी के अभियोगों में वांछित हैं. इन दोनों शातिर अभियुक्तों ने षडयंत्र करके महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल को 02 अक्टूबर 23 को पुलिस हिरासत से फरार भी कराया.पुणे क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील ताम्बे ने यूपी एसटीएफ से इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी.

इस बड़े मामले की गम्भीरता को देखते हुए धर्मेष कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुक्रम में एसटीएफ मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी.


मंगलवार 10 अक्टूबर को अभिसूचना संकलन के माध्यम से पता चला कि नासिक में बरामद हुई 150 किलो एमडी ड्रग्स मामले में फरार चल रहे अभिषेक बिलास बालकवड़े और भूषण अनिल पाटिल बाराबंकी में मौजूद हैं तथा नेपाल भागने की फिराक में हैं.


एसटीएफ मुख्यालय में स्थित गठित टीम द्वारा क्राईम ब्रान्च पुणे की टीम को साथ लेकर बाराबंकी के नगर कोतवाली के बहराइच मोड़ पर पहुंची और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 6 एटीएम कार्ड, 02अदद मोबाइल फोन और 2100 रु० नकद बरामद हुए. गिरफ्तार अभियुक्त अभिषेक बिलास बालकवड़े पुत्र बिलास बालकवडे,महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले के विजय एनएक्स टाकली रोड स्थित फ्लैट नम्बर 08 का रहने वाला है जबकि भूषण अनिल पाटिल पुत्र अनिल पाटिल महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले के मातोश्री नगर के अक्षरधरा फ्लैट नम्बर 301 का रहने वाला है.

ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा भाई है मुख्य अभियुक्त
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि भूषण अनिल पाटिल ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा छोटा भाई है जबकि अभिषेक बिलास बालकवड़े, ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का चीफ मैनेजर है. दोनों ने बताया कि वह दोनों ललित पाटिल के साथ वर्ष 2014 से पब बार (Pub Bar) और रेव पार्टियों (Rave Parties) में प्रयोग की जाने वाली प्रतिबंधित एमडी (ड्रग) का निर्माण कर रहे थे. इस काम के लिए इन लोगों ने पहले औरंगाबाद में और फिर पुणे व नासिक में कारखाना लगाया था.


साल 2020 में ललित पाटिल के गिरफ्तार होने के बाद ललित के ही इशारे पर उसके भाई भूषण अनिल पाटिल और प्रबंधक अभिषेक बिलास बालकवड़े ने पूरे गिरोह की कमान अपने हाथ मे ले ली. पिछले 04 अगस्त 2023 को मुम्बई में 150 किलो एमडी ड्रग की रिकवरी में ललित पाटिल और गिरोह के दूसरे सदस्यों के नाम आने के बाद भूषण अनिल पाटिल और अभिषेक बिलास बालकवड़े द्वारा षडयंत्र करके ललित पाटिल को पुलिस हिरासत से फरार करवा दिया गया था.

ड्रग्स बेचकर खरीदते थे गोल्ड
पकड़े गए अभियुक्तों ने यह भी बताया कि उनको एमडी (ड्रग) बनाने के लिए कच्चा माल नासिक जिले के शिवजी शिंदे द्वारा दिया जाता है.वह एक किलो एमडी (ड्रग) ललित के तय खरीदारों को डेढ़ करोड़ रूपए प्रति किलो के मूल्य से बेचते थे तथा कमाए हुए पैसे को मुम्बई के अभिजीत नामक सुनार से गोल्ड में बदलवा देते थे.इस काले कारोबार के जरिये पिछले 10 महीने में इन लोगों ने 8 किलो सोना खरीदा है.जिसे इन लोगों ने महाराष्ट्र में ही अलग-अलग जगहों पर छुपा कर रखा गया है.टीम ने बताया कि ललित के ही कहने पर ही ये लोग मंगलवार को नेपाल भागने की फिराक में थे.

धर्मेश कुमार शाही पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पुणे क्राइम ब्रान्च के सहायक पुलिस आयुक्त की टीम को विधिक करवाही के बाद अभियुक्तों को सुपुर्द कर दिया गया.

MD Drugs क्या होती है
विज्ञान की भाषा मे इसे मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) कहा जाता है. यह एक बहुत ही घातक और शक्तिशाली ड्रग होती है. कोई इसे लेता है तो इसकी लत बहुत जल्दी लगती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेथामफेटामाइन ड्रग सीधा नशा लेने वाले के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) एक तरह का क्रिस्टल ड्रग है. यह देखने में कांच के टुकड़ों की तरह होती है. देखने में यह बहुत ही चमकदार होता है. मेथामफेटामाइन ड्रग को अगर केमिकल के रूप में देखें तो यह एम्फैटेमिन की तरह ही होता है. एम्फैटेमिन का यूज अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) और नार्कोलेप्सी, नींद न आने की समस्या के इलाज में दवा के तौर पर किया जाता है.इसका ओवरडोज जानलेवा हो सकता है.इसकी ज्यादा मात्रा या लगातार लेने से इससे शरीर में एक जहरीला रिएक्शन होता है.ओवरडोज के कारण अक्सर स्ट्रोक, हार्ट अटैक हो सकता है.रेव पार्टीज ,पब बार मे युवा इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.


ये भी पढ़ेंः बाराबंकी : ड्रग्स माफिया चढ़े पुलिस के हत्थे, सवा किलो मार्फीन बरामद

ये भी पढ़ेंः DMLT स्टूडेंट की मौत में आया ड्रग्स कनेक्शन, 4 ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

बाराबंकीः नासिक में 300 करोड़ की 150 किलो एमडी ड्रग्स की रिकवरी (Recovery of MD drugs worth Rs 300 crore in Nashik) के बाद नेपाल भाग रहे इस मामले के दो आरोपियों को यूपी एसटीएफ और महाराष्ट्र की क्राइम ब्रांच पुणे (UP STF and Maharashtra Crime Branch Pune) ने बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया.

etv bharat
दोनों आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े.
बताते चलें कि क्राइम ब्रांच पुणे के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील ताम्बे ने यूपी एसटीएफ से मिलकर बताया कि महाराष्ट्र राज्य में कुछ दिनों पहले 150 किलो एमडी (ड्रग्स) की रिकवरी हुई थी जिसकी अनुमानित कीमत तीन सौ करोड़ रुपये है. सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि सूचना मिली थी कि इसके मुख्य आरोपी अभिषेक बिलास बालकवड़े पुत्र बिलास बालकवडे, और भूषण अनिल पाटिल पुत्र अनिल पाटिल लखनऊ में मौजूद हैं और नेपाल भागने की फ़िराक मे हैं.

यह भी बताया गया कि यह दोनों अभियुक्त जनपद पुणे व नासिक के कई अन्य मादक पदार्थ तस्करी के अभियोगों में वांछित हैं. इन दोनों शातिर अभियुक्तों ने षडयंत्र करके महाराष्ट्र के सबसे बड़े ड्रग माफिया ललित पाटिल को 02 अक्टूबर 23 को पुलिस हिरासत से फरार भी कराया.पुणे क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील ताम्बे ने यूपी एसटीएफ से इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी.

इस बड़े मामले की गम्भीरता को देखते हुए धर्मेष कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुक्रम में एसटीएफ मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी.


मंगलवार 10 अक्टूबर को अभिसूचना संकलन के माध्यम से पता चला कि नासिक में बरामद हुई 150 किलो एमडी ड्रग्स मामले में फरार चल रहे अभिषेक बिलास बालकवड़े और भूषण अनिल पाटिल बाराबंकी में मौजूद हैं तथा नेपाल भागने की फिराक में हैं.


एसटीएफ मुख्यालय में स्थित गठित टीम द्वारा क्राईम ब्रान्च पुणे की टीम को साथ लेकर बाराबंकी के नगर कोतवाली के बहराइच मोड़ पर पहुंची और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 6 एटीएम कार्ड, 02अदद मोबाइल फोन और 2100 रु० नकद बरामद हुए. गिरफ्तार अभियुक्त अभिषेक बिलास बालकवड़े पुत्र बिलास बालकवडे,महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले के विजय एनएक्स टाकली रोड स्थित फ्लैट नम्बर 08 का रहने वाला है जबकि भूषण अनिल पाटिल पुत्र अनिल पाटिल महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले के मातोश्री नगर के अक्षरधरा फ्लैट नम्बर 301 का रहने वाला है.

ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा भाई है मुख्य अभियुक्त
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि भूषण अनिल पाटिल ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा छोटा भाई है जबकि अभिषेक बिलास बालकवड़े, ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का चीफ मैनेजर है. दोनों ने बताया कि वह दोनों ललित पाटिल के साथ वर्ष 2014 से पब बार (Pub Bar) और रेव पार्टियों (Rave Parties) में प्रयोग की जाने वाली प्रतिबंधित एमडी (ड्रग) का निर्माण कर रहे थे. इस काम के लिए इन लोगों ने पहले औरंगाबाद में और फिर पुणे व नासिक में कारखाना लगाया था.


साल 2020 में ललित पाटिल के गिरफ्तार होने के बाद ललित के ही इशारे पर उसके भाई भूषण अनिल पाटिल और प्रबंधक अभिषेक बिलास बालकवड़े ने पूरे गिरोह की कमान अपने हाथ मे ले ली. पिछले 04 अगस्त 2023 को मुम्बई में 150 किलो एमडी ड्रग की रिकवरी में ललित पाटिल और गिरोह के दूसरे सदस्यों के नाम आने के बाद भूषण अनिल पाटिल और अभिषेक बिलास बालकवड़े द्वारा षडयंत्र करके ललित पाटिल को पुलिस हिरासत से फरार करवा दिया गया था.

ड्रग्स बेचकर खरीदते थे गोल्ड
पकड़े गए अभियुक्तों ने यह भी बताया कि उनको एमडी (ड्रग) बनाने के लिए कच्चा माल नासिक जिले के शिवजी शिंदे द्वारा दिया जाता है.वह एक किलो एमडी (ड्रग) ललित के तय खरीदारों को डेढ़ करोड़ रूपए प्रति किलो के मूल्य से बेचते थे तथा कमाए हुए पैसे को मुम्बई के अभिजीत नामक सुनार से गोल्ड में बदलवा देते थे.इस काले कारोबार के जरिये पिछले 10 महीने में इन लोगों ने 8 किलो सोना खरीदा है.जिसे इन लोगों ने महाराष्ट्र में ही अलग-अलग जगहों पर छुपा कर रखा गया है.टीम ने बताया कि ललित के ही कहने पर ही ये लोग मंगलवार को नेपाल भागने की फिराक में थे.

धर्मेश कुमार शाही पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पुणे क्राइम ब्रान्च के सहायक पुलिस आयुक्त की टीम को विधिक करवाही के बाद अभियुक्तों को सुपुर्द कर दिया गया.

MD Drugs क्या होती है
विज्ञान की भाषा मे इसे मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) कहा जाता है. यह एक बहुत ही घातक और शक्तिशाली ड्रग होती है. कोई इसे लेता है तो इसकी लत बहुत जल्दी लगती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेथामफेटामाइन ड्रग सीधा नशा लेने वाले के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) एक तरह का क्रिस्टल ड्रग है. यह देखने में कांच के टुकड़ों की तरह होती है. देखने में यह बहुत ही चमकदार होता है. मेथामफेटामाइन ड्रग को अगर केमिकल के रूप में देखें तो यह एम्फैटेमिन की तरह ही होता है. एम्फैटेमिन का यूज अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) और नार्कोलेप्सी, नींद न आने की समस्या के इलाज में दवा के तौर पर किया जाता है.इसका ओवरडोज जानलेवा हो सकता है.इसकी ज्यादा मात्रा या लगातार लेने से इससे शरीर में एक जहरीला रिएक्शन होता है.ओवरडोज के कारण अक्सर स्ट्रोक, हार्ट अटैक हो सकता है.रेव पार्टीज ,पब बार मे युवा इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.


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