रुद्रपुर (उत्तराखंड): 2014 से लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले आरोपी को फरीदाबाद (हरियाणा) से गिरफ्तार करने में कुमाऊं की साइबर पुलिस को सफलता हाथ लगी है. आरोपी से तीन मोबाइल, पांच सिम कार्ड, 6 डेबिट कार्ड, चार चेक बुक बरामद हुई हैं. आरोपी कई राज्यों के लोगों के साथ साइबर ठगी कर चुका है.
साइबर पुलिस सीओ कुमाऊं सुमित कुमार पांडे ने बताया कि अक्टूबर 23 में नैनीताल के भीमताल थाने में एक व्यक्ति चेतन्य किशोर (निवासी भीमताल) ने शिकायत दर्ज करवाई कि उनसे जनवरी माह से अक्टूबर माह तक साइबर ठग द्वारा फर्जी आरबीआई का कर्मचारी बनकर टीडीएस के नाम पर 35 लाख ठगे जा चुके हैं. जिसके बाद मामला साइबर थाने रुद्रपुर पहुंचा. इस दौरान आरोपी की धरपकड़ के लिए टीम का गठन किया गया.
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एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा 35/- लाख रूपये की साईबर धोखाधडी के अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार
— Cyber Crime Police Station, Uttarakhand (@UKCyberPolice) January 18, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अभियुक्त खुद को RBI का कर्मचारी बनकर रिलाइन्स बीमा पालिसी की धनराशि में विभिन्न स्कीम के तहत मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से जमा करवाते थे धनराशि
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">एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा 35/- लाख रूपये की साईबर धोखाधडी के अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार
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अभियुक्त खुद को RBI का कर्मचारी बनकर रिलाइन्स बीमा पालिसी की धनराशि में विभिन्न स्कीम के तहत मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से जमा करवाते थे धनराशि
pic.twitter.com/HgTPNP1PKLएसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा 35/- लाख रूपये की साईबर धोखाधडी के अभियुक्त को हरियाणा से किया गिरफ्तार
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अभियुक्त खुद को RBI का कर्मचारी बनकर रिलाइन्स बीमा पालिसी की धनराशि में विभिन्न स्कीम के तहत मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से जमा करवाते थे धनराशि
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जांच में टीम द्वारा पाया गया कि आरोपी ने दूसरे व्यक्तियों के नाम से प्री-एक्टिवेटेड आवंटित मोबाइल सिम कार्ड का प्रयोग किया है. वहीं, मध्य प्रदेश के मोरेना व इटवा (उत्तर प्रदेश) के विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है. इन खातों से धनराशि नोएडा, दिल्ली तथा हरियाणा के विभिन्न एटीएम मशीनों से निकाली गयी है. जांच के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातों तथा मोबाइल नंबरों का सत्यापन करने पर ये सभी फर्जी आईडी पर संचालित होना पाए गये.
पुलिस टीम द्वारा तकनीकी, डिजिटल साक्ष्य और एटीएम फुटेज एकत्र कर घटना के मास्टरमांइड का पता लगाया गया. मुख्य आरोपी रविकांत शर्मा (निवासी वार्ड नं 1, पद्मा विद्यालय के पास, ग्राम मुड़ियाखेड़ा, थाना मोरेना जिला मोरेना, मध्य प्रदेश) को चिन्हित करते हुए हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह भारतीय रिजर्व बैंक का फर्जी कर्मचारी बनकर बीमा पॉलिसी की धनराशि आरबीआई में फंसने व टीडीएस के रुपये जमा करने के बाद पॉलिसी का रुपया मिलने का झांसा देकर पालिसी में और अधिक धनराशि निवेश करने पर अधिक धनराशि का मुनाफा मिलने का लालच देता था. आरोपी ने बताया कि उसने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है.
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