लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र में नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया है. नाबालिग की मां ने पांच लोगों पर गैंगरेप और एक महिला पर उनकी मदद करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पूरे मामले पर एसीपी का कहना है कि मामला संदिग्ध लग रहा है. फिर भी मुकदमा पंजीकृत कर घटना की गंभीरती से जांच की जा रही है.
राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र क्षेत्र के एक गांव की महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया है. महिला का आरोप है कि कि उसकी नाबालिग बेटी उसके घर से सुरेश, देशराज, सुशील, बब्बन व नन्हक्की उसके घर से उठाकर पास के जगदीश के अहाता में ले गए थे. नन्हक्की ने उसकी बेटी के हाथ पैर बांधे और उपरोक्त चार लोगों ने बारी बारी उसके साथ दुष्कर्म किया. सुबह जब जानकारी हुई तो पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर सूचना दी और रहीमाबाद थाने जाकर घटना के बाबत तहरीर दी. इसके बाद एसीपी वीरेंद्र विक्रम, थाना प्रभारी अजीत कुमार और फोरेंसिक टीम लेकर घटना स्थल पर पहुंचे और जांच की. पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए दो टीमें गठित की हैं.
वहीं पुलिस पूछताछ के लिए कुछ आरोपियों को उठाकर थाने ले गई तो सैकड़ों ग्रामीण आरोपियों को निर्दोष बताते हुए थाने पर प्रदर्शन करने लगे. साथ ही काफी केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के आवास पर पहुंच गए. ग्रामीणों का कहना है कि महिला का उपरोक्त आरोपियों से कई महीने से विवाद चल रहा है. बीती 24 सितंबर को आरोपियों पर पहले ही एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके अलावा गैंगरेप के आरोप की घटना के दौरान भी फॉरेंसिक टीम मौके पर गई थी. महिला ने जो घटनास्थल बताया था वहां पर जांच के दौरान कोई साक्ष्य नहीं मिले. बहरहाल एसीपी वीरेंद्र विक्रम ने बताया कि आरोप गंभीर हैं. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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