रायबरेलीः यूपी के रायबरेली के लालगंज में रेल डिब्बा कारखाने में डीएमओ के पद पर कार्यरत नेत्र सर्जन, उनकी पत्नी व दो बच्चों के शव पुलिस ने सरकारी आवास का दरवाजा तोड़कर निकाले. चिकित्सक ने जान दी है वहीं पत्नी, बेटा और बेटी के शव बेड पर मिले हैं. एसपी के मुताबिक डॉक्टर ने पहले पत्नी, बेटा और बेटी को इंजेक्शन से बेहोश किया और फिर उनके सिर पर हथौड़े से वार कर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद डॉक्टर ने खुद की भी जान दे दी. पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फोरेंसिक टीम मौके से साक्ष्य जुटा रही है. लखनऊ से आईजी जोन तरुण गाबा मौके पर पहुंचे और जांच की. उन्होंने कहा कि आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा का कहना है कि मृतक चिकित्सक हिंसक प्रवृत्ति के थे. साथ ही उनके द्वारा मादक पदार्थो का सेवन की भी जानकारी सामने आ रही है. उनके डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है. सभी तथ्यों की जांच की जा रही है.
जिले के लालगंज में संचालित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना देश मे चलने वाली ट्रेनों के लिए आधुनिक डिब्बों का निर्माण करता है. इसी कारखाने में 2017 में डीएमओ के पद पर कार्यरत डॉ अरुण सिंह जोकि नेत्र सर्जन विशेषज्ञ थे तैनात थे. वो कारखाना के आवासीय परिसर में पत्नी अर्चना सिंह पुत्री आदिवा व पुत्र आरव के साथ रहते थे. डॉ अरुण सिंह को अंतिम बार रविवार को देखा गया. उसके बाद उनके घर के किसी भी सदस्य को परिसर में रहने वाले व्यक्ति ने नही देखा. आज उनकी तलाश में उनके सहयोगी जब उनके आवास पर पहुचे तो आवास बन्द मिला. जब घर मे झांका गया तो डॉक्टर, पत्नी और बच्चों के शव दिखे. इस पर पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर फोरेंसिक टीम भी पहुंच गई. टीम ने दरवाजा तोड़कर शवों को बाहर निकाला. चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर 2017 से कारखाने में नौकरी कर रहे थे. वो नेत्र सर्जन थे. उन्होंने कई तरह के इंजेक्शनों का प्रयोग किया और पहले बच्चों को बेहोश किया फिर उनके सिर पर वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद खुद भी आत्महत्या कर ली. रविवार को उनको अंतिम बार देखा गया था. आज उनके सहयोगी जब उनके आवास पर पहुचे तो दरवाजा तोड़ा गया और ये मंजर दिखाई दिया. शवों को कब्जे में ले लिया गया है. पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा.
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