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उत्तराखंड में अफगानी राजा की संपत्ति को बेचने का मामला, फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले 4 आरोपियों पर केस दर्ज

Case registered for selling custodian property Kabul house उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काबुल के राजा याकूब साहब की संपत्ति बेचने वाले चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. चारों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर 2017 में संपत्ति को 30 लोगों को बेच दिया था. सरकार ने नवंबर 2023 को संपत्ति कब्जाधारियों से मुक्त कराई थी.

enemy property in dehradun
देहरादून में शत्रु संपत्ति
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2023, 4:05 PM IST

Updated : Dec 20, 2023, 4:34 PM IST

उत्तराखंड में अफगानी राजा की संपत्ति बेचने पर 4 आरोपियों पर केस दर्ज.

देहरादून (उत्तराखंड): देहरादून के थाना डालनवाला क्षेत्र के अंर्तगत काबुल हाउस की शत्रु संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने वाले चार आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. एसएसपी ने इस मामले में जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

ये है मामलाः ईसी रोड करनपुर पुलिस चौकी के पास भूमि संख्या 15-B, नया नंबर-24 (करनपुर पुलिस चौकी के पीछे वाली भूमि जो पूर्व काबूल के अमीर (राजा) याकूब साहब की संपत्ति थी और 1876 में बिट्रिश सरकार की तरफ से दी गई थी, उक्त भूमि याकूब के वारिसों के नाम दर्ज चली आ रही थी.) सन 1947 में बंटवारे में याकूब के वारिस पाकिस्तान चले गए थे. जिसके बाद इनका हिस्सा कस्टोडियन संपत्ति (शत्रु संपत्ति) घोषित हुई. साल 2000 में शाहिद, खालिद और अब्दुल रज्जाक निवासी ढोलीखाल, जिला सहारनपुर ने इस भूमि (अब्दुल रज्जाक की खेवट-47) को अपने नाम अंकित करवाया और भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी मोहम्मद आरिफ खान निवासी शामली को दी.

कोर्ट ने दिया आदेश: इस बीच भूमि के दाखिल खारिज के लेकर भूमि के मालिकाना हक का विवाद हुआ. भूमि पर विवाद होने के बाद कब्जाधाकरियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने याचिका निस्त करते हुए याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष जिलाधिकारी देहरादून और असिस्टेंट कस्टोडियन के सामने पेश करते हुए आदेशित किया और संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. लेकिन मोहम्मद आरिफ खान और भगवती प्रसाद उनियाल निवासी देहरादून आदि ने फर्जी दस्तावेज (पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल लीटर आदि) तैयार कर इस भूमि को करीब 30 लोगों को सन 2017 में बेच दिया. खरीदने वालों ने इसके बाद इस भूमि पर कब्जा कर निर्माण किए.
ये भी पढ़ेंः Kabul House से निकाले गए 16 परिवारों का दर्द, 11 दिसंबर को होनी है बेटी की शादी, उससे पहले ही हो गए बेघर

शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराई जांच: साल 2018 में इस्लामुद्दीन अंसारी द्वारा इस जमीन की शिकायत जिलाधिकारी देहरादून से की. जिलाधिकारी देहरादून द्वारा जांच कराकर 2019 में इस मामले में अपर जिलाधिकारी न्यायालय देहरादून द्वारा 20 नवंबर 2021 को शाहिद, खालिद और आरिफ की विरासत खारिज कर दी. इसके बाद साल 2017 में कराई गई सभी रजिस्ट्रियां खुद ही निरस्त हो गई. लेकिन कब्जा धारकों ने भूमि से अपना कब्जा नहीं हटाया. मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंचा तो 25 मई 2022 को हाईकोर्ट के आदेश के पालन में जिलाधिकारी ने प्रशासन को भूमि कब्जाधारियों से खाली खराने के निर्देश दिए. 2 नवंबर 2023 को पुलिस और प्रशासन की टीम द्वारा भूमि को कब्जाधारियों के कब्जे से मुक्त कराया गया.

चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज: एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि भूमि मामले में हाईकोर्ट का आदेश पारित होने के बाद विपक्षी शाहिद, खालिद, आरिफ खान, भगवती प्रसाद उनियाल आदि के खिलाफ षड्यंत्र के तहत कस्टोडियन और सरकारी संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर और संपत्ति को गैर कानूनी तरीके से कई लोगों को बेचा गया. मामले में भगवती प्रसाद उनियाल, शाहिद, खालिद और मौहम्मद आरिफ खान के खिलाफ थाना डालनवाला पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
ये भी पढ़ेंः अफगानिस्तान के राजवंश ने बनवाया था देहरादून का काबुल हाउस, फेमस बासमती चावल से है खास कनेक्शन

उत्तराखंड में अफगानी राजा की संपत्ति बेचने पर 4 आरोपियों पर केस दर्ज.

देहरादून (उत्तराखंड): देहरादून के थाना डालनवाला क्षेत्र के अंर्तगत काबुल हाउस की शत्रु संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने वाले चार आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. एसएसपी ने इस मामले में जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

ये है मामलाः ईसी रोड करनपुर पुलिस चौकी के पास भूमि संख्या 15-B, नया नंबर-24 (करनपुर पुलिस चौकी के पीछे वाली भूमि जो पूर्व काबूल के अमीर (राजा) याकूब साहब की संपत्ति थी और 1876 में बिट्रिश सरकार की तरफ से दी गई थी, उक्त भूमि याकूब के वारिसों के नाम दर्ज चली आ रही थी.) सन 1947 में बंटवारे में याकूब के वारिस पाकिस्तान चले गए थे. जिसके बाद इनका हिस्सा कस्टोडियन संपत्ति (शत्रु संपत्ति) घोषित हुई. साल 2000 में शाहिद, खालिद और अब्दुल रज्जाक निवासी ढोलीखाल, जिला सहारनपुर ने इस भूमि (अब्दुल रज्जाक की खेवट-47) को अपने नाम अंकित करवाया और भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी मोहम्मद आरिफ खान निवासी शामली को दी.

कोर्ट ने दिया आदेश: इस बीच भूमि के दाखिल खारिज के लेकर भूमि के मालिकाना हक का विवाद हुआ. भूमि पर विवाद होने के बाद कब्जाधाकरियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने याचिका निस्त करते हुए याचिकाकर्ताओं को अपना पक्ष जिलाधिकारी देहरादून और असिस्टेंट कस्टोडियन के सामने पेश करते हुए आदेशित किया और संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. लेकिन मोहम्मद आरिफ खान और भगवती प्रसाद उनियाल निवासी देहरादून आदि ने फर्जी दस्तावेज (पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल लीटर आदि) तैयार कर इस भूमि को करीब 30 लोगों को सन 2017 में बेच दिया. खरीदने वालों ने इसके बाद इस भूमि पर कब्जा कर निर्माण किए.
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शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराई जांच: साल 2018 में इस्लामुद्दीन अंसारी द्वारा इस जमीन की शिकायत जिलाधिकारी देहरादून से की. जिलाधिकारी देहरादून द्वारा जांच कराकर 2019 में इस मामले में अपर जिलाधिकारी न्यायालय देहरादून द्वारा 20 नवंबर 2021 को शाहिद, खालिद और आरिफ की विरासत खारिज कर दी. इसके बाद साल 2017 में कराई गई सभी रजिस्ट्रियां खुद ही निरस्त हो गई. लेकिन कब्जा धारकों ने भूमि से अपना कब्जा नहीं हटाया. मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंचा तो 25 मई 2022 को हाईकोर्ट के आदेश के पालन में जिलाधिकारी ने प्रशासन को भूमि कब्जाधारियों से खाली खराने के निर्देश दिए. 2 नवंबर 2023 को पुलिस और प्रशासन की टीम द्वारा भूमि को कब्जाधारियों के कब्जे से मुक्त कराया गया.

चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज: एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि भूमि मामले में हाईकोर्ट का आदेश पारित होने के बाद विपक्षी शाहिद, खालिद, आरिफ खान, भगवती प्रसाद उनियाल आदि के खिलाफ षड्यंत्र के तहत कस्टोडियन और सरकारी संपत्ति को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर और संपत्ति को गैर कानूनी तरीके से कई लोगों को बेचा गया. मामले में भगवती प्रसाद उनियाल, शाहिद, खालिद और मौहम्मद आरिफ खान के खिलाफ थाना डालनवाला पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
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Last Updated : Dec 20, 2023, 4:34 PM IST
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