बरेली: अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के भाई अशरफ (Ashraf) के साले सद्दाम (Saddam) को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उसे बरेली केंद्रीय कारागार (Bareilly Central Jail) 2 की हाई सिक्योरिटी बैरक में तन्हा रखा गया है. इसके साथ ही उसकी निगरानी के लिए एक बंदी रक्षक को भी तैनात कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि बंदी सद्दाम ने जेल प्रशासन से सामान्य बैरक में अन्य कैदियों के साथ शिफ्ट करने की गुहार लगाई है.
फरार चल रहा था सद्दाम
बरेली केंद्रीय कारागार 2 और बरेली जिला जेल में माफिया आतिक अहमद का भाई अशरफ लगभग ढाई साल तक बंद था. उसी दौरान सद्दाम ने जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत कर ली थी. अशरफ से अपने गुर्गो के साथ अवैध रूप से मुलाकात करवाता था, साथ ही खाने-पीने के सामान भी पहुंचाता था. इतना ही नहीं जेल में बैठकर मुलाकात के दौरान अधिकारियों और अभियोजन पक्ष की हत्या की साजिश भी रचने का आरोप उस पर लगा था. बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में जेल चौकी इंचार्ज की तरफ से 7 मार्च को एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था. इस मुकदमे के बाद सद्दाम फरार चल रहा था.
प्रेमिका से मिलने गया था सद्दाम
सद्दाम की फरारी के बाद बरेली जोन के एडीजी की तरफ से उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था. एक लाख के इनामी सद्दाम को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमों के साथ-साथ एसटीएफ की टीम में लगातार कोशिश में लगी हुई थी. इस मामले में फरार चल रहे अशरफ के साले सद्दाम को गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के अनुसार सद्दाम अपनी प्रेमिका से मिलने गया था. जहां एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर बरेली जिला अदालत में पेश किया. जहां से सद्दाम को बरेली केंद्रीय कारागार 2 भेज दिया गया.
हाई सिक्योरिटी मे रखा गया सद्दाम
केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक विपिन मिश्र ने बताया कि बंदी सद्दाम को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. उसकी सुरक्षा की दृष्टि से उस पर निगरानी करने के लिए एक बंदी रक्षक को भी लगाया गया है. सद्दाम ने जेल प्रशासन से हाई सिक्योरिटी बैरक से निकलकर सामान्य बैरक में शिफ्ट करने की गुहार लगाई थी. लेकिन जेल प्रशासन ने इनकार कर दिया. इसके बाद उसने एक लंबरदार की मांग की.
जेल अधीक्षक ने बताया कि इस मामले से संबंधित कुछ आरोपी इसी जेल में बंद हैं. जो इनके गुर्गो साथ मिल कर जेल प्रशासन के लिए सिर दर्द पैदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर सद्दाम बैरक से बाहर कहीं जाता है तो उनके साथ जेलर या डिप्टी जेलर भी साथ रहेगा. अगर वह नहीं हैं तो वह खुद उसके साथ मौजूद रहेंगे. सद्दाम से मुलाकात करने वालों को लेकर जेल अधीक्षक ने कहा कि ऐसे बंदी के मामले में स्पष्ट निर्देश है कि 10 लोगों के नाम जेल प्रशासन को दिए जाएंगे. इसमें उनके रिश्तेदार और मित्र हो सकते हैं. इसके बाद सभी का नाम सत्यापित कराकर मुलाकात कराई जाएगी. इसके साथ ही मुलाकात करने वालों का रजिस्टर पर रिकार्ड भी दर्ज किया जाएगा. साथ ही ऐसे लोगों की एक विशेष स्थान पर मुलाकात कराई जाएगी.
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