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Naxalite Pramod Mishra : नक्सली प्रमोद मिश्रा की खत्म हो रही है पुलिस रिमांड, ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है दूसरे राज्यों की पुलिस

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 11:05 AM IST

Updated : Aug 28, 2023, 11:48 AM IST

बिहार में प्रमोद मिश्रा की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद अब छत्तीसगढ़ या झारखंड की पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है. गया में पुलिस और केंद्रीय ऐजंसी की हुई पूछताछ में नक्सली ने कोई राज नहीं खोले..

Naxalite Pramod Mishra
Naxalite Pramod Mishra

गयाः बिहार के गया में बीते 9 अगस्त को सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष लीडर सह ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो चीफ प्रमोद मिश्रा की 48 घंटे की रिमांड खत्म हो गई है. प्रमोद मिश्रा एक बार फिर से गया केंद्रीय कारा में बंद है. रिमांड पर लेकर प्रमोद मिश्रा से जेल से बाहर किसी दूसरे गोपनीय स्थान पर ठोस सुरक्षा के घेरे में पूछताछ की गई, हालांकि प्रमोद मिश्रा ने इस दौरान अपना मुंह नहीं खोला.

ये भी पढ़ेंः पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा नक्सली प्रमोद मिश्रा, बोला- 'गोली मारो या कुछ भी करो, मुंह नहीं खोलूंगा..'

प्रमोद मिश्रा की 48 घंटे की रिमांड खत्मः बीते 48 घंटे तक प्रमोद मिश्रा और उनके सहयोगी अनिल यादव से भी पूछताछ की गई. हालांकि प्रमोद मिश्रा से शीर्ष नक्सली लीडरों का सुराग पाने में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. अब संभव है कि नक्सली लीडर प्रमोद मिश्रा को देश के दूसरे राज्य की पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले जाकर पूछताछ कर सकती है. सूत्रों की मानें, तो छत्तीसगढ़, तेलंगाना या झारखंड की पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है.

48 घंटे चली पूछताछ के बाद भेजा गया जेलः गौरतलब है कि शुक्रवार से प्रमोद मिश्रा को गया पुलिस ने रिमांड पर लिया था. कोर्ट से आदेश के बाद गया जेल में बंद प्रमोद मिश्रा को रिमांड पर लेकर जेल से बाहर दूसरे गोपनीय स्थान पर 48 घंटे की पूछताछ की गई. शुक्रवार और शनिवार को पूछताछ के बाद शनिवार को ही प्रमोद मिश्रा को वापस गया जेल भेज दिया गया. हालांकि सोर्स बताते हैं, कि इस दौरान शीर्ष नक्सली लीडर ने पुलिस केंद्रीय एजेंसी को वह राज नहीं बताए, जो उनसे उगलवाना चाह रहे थे.

नक्सली से बड़ा राज उगलवाने में विफल रही पुलिसः सूत्रों के मुताबिक रिमांड पर प्रमोद मिश्रा ने सीधे कहा कि कुछ भी कर लो, मुंह नहीं खोलूंगा.. चाहे तो गोली मार दो. सोर्स यह भी बताते हैं, कि प्रमोद मिश्रा के सहयोगी अनिल यादव ने कुछ सुराग रिमांड अवधि में बताए हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है. सोर्स की मानें, तो रिमांड के दौरान तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत पांंच राज्यों की पुलिस पहुंची थी. वहीं, पटना- रांची के एनआईए के अधिकारी भी पहुंचे थे, लेकिन वे प्रमोद मिश्रा से नक्सलियों का बड़ा राज उगलवाने में विफल रहे.

ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है दूसरे राज्यों की पुलिसः बताया जाता है कि अब ट्रांजिट रिमांड पर प्रमोद मिश्रा को दूसरे राज्य की पुलिस ले जा सकती है. हालांकि अभी तक ऐसा कोई आवेदन कोर्ट में दूसरे स्टेट की पुलिस ने नहीं किया है, लेकिन संभावना है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों के खिलाफ नकेल कसने को लेकर देश के कई स्टेट की पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. गौरतलब है कि हालिया वर्षों में कई राज्यों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की ताकत कमजोर हुई है. इसके बीच संगठन को पुनर्जीवित करने में जुटे प्रमोद मिश्रा को गया पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त छापेमारी में बीते 9 अगस्त को गिरफ्तार किया गया है, तब से वह गया सेंट्रल जेल में बंद है.

53 सालों का है नक्सली प्रमोद मिश्रा का इतिहासः 9 अगस्त को गया में सहयोगी के साथ हुए थी गिरफ्तारीः गौरतलब है, कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में प्रमोद मिश्रा अपने आप में एक बड़ा नाम है. प्रमोद मिश्रा का तकरीबन 53 सालों से नक्सल का इतिहास रहा है. प्रमोद मिश्रा बिहार के औरंगाबाद जिले के कोसमा के रहने वाले हैं. वही इनके साथ गिरफ्तार सहयोगी अनिल यादव बांकेबाजार थाना क्षेत्र के असुराइन गांव का रहने वाला है. बिहार में प्रमोद मिश्रा को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद किसी दूसरे स्टेट की पुलिस के द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने की संभावना के मदेनजर सुरक्षा महकमे के अधिकारी अभी कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.

गयाः बिहार के गया में बीते 9 अगस्त को सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष लीडर सह ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो चीफ प्रमोद मिश्रा की 48 घंटे की रिमांड खत्म हो गई है. प्रमोद मिश्रा एक बार फिर से गया केंद्रीय कारा में बंद है. रिमांड पर लेकर प्रमोद मिश्रा से जेल से बाहर किसी दूसरे गोपनीय स्थान पर ठोस सुरक्षा के घेरे में पूछताछ की गई, हालांकि प्रमोद मिश्रा ने इस दौरान अपना मुंह नहीं खोला.

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प्रमोद मिश्रा की 48 घंटे की रिमांड खत्मः बीते 48 घंटे तक प्रमोद मिश्रा और उनके सहयोगी अनिल यादव से भी पूछताछ की गई. हालांकि प्रमोद मिश्रा से शीर्ष नक्सली लीडरों का सुराग पाने में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. अब संभव है कि नक्सली लीडर प्रमोद मिश्रा को देश के दूसरे राज्य की पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले जाकर पूछताछ कर सकती है. सूत्रों की मानें, तो छत्तीसगढ़, तेलंगाना या झारखंड की पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है.

48 घंटे चली पूछताछ के बाद भेजा गया जेलः गौरतलब है कि शुक्रवार से प्रमोद मिश्रा को गया पुलिस ने रिमांड पर लिया था. कोर्ट से आदेश के बाद गया जेल में बंद प्रमोद मिश्रा को रिमांड पर लेकर जेल से बाहर दूसरे गोपनीय स्थान पर 48 घंटे की पूछताछ की गई. शुक्रवार और शनिवार को पूछताछ के बाद शनिवार को ही प्रमोद मिश्रा को वापस गया जेल भेज दिया गया. हालांकि सोर्स बताते हैं, कि इस दौरान शीर्ष नक्सली लीडर ने पुलिस केंद्रीय एजेंसी को वह राज नहीं बताए, जो उनसे उगलवाना चाह रहे थे.

नक्सली से बड़ा राज उगलवाने में विफल रही पुलिसः सूत्रों के मुताबिक रिमांड पर प्रमोद मिश्रा ने सीधे कहा कि कुछ भी कर लो, मुंह नहीं खोलूंगा.. चाहे तो गोली मार दो. सोर्स यह भी बताते हैं, कि प्रमोद मिश्रा के सहयोगी अनिल यादव ने कुछ सुराग रिमांड अवधि में बताए हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है. सोर्स की मानें, तो रिमांड के दौरान तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत पांंच राज्यों की पुलिस पहुंची थी. वहीं, पटना- रांची के एनआईए के अधिकारी भी पहुंचे थे, लेकिन वे प्रमोद मिश्रा से नक्सलियों का बड़ा राज उगलवाने में विफल रहे.

ट्रांजिट रिमांड पर ले सकती है दूसरे राज्यों की पुलिसः बताया जाता है कि अब ट्रांजिट रिमांड पर प्रमोद मिश्रा को दूसरे राज्य की पुलिस ले जा सकती है. हालांकि अभी तक ऐसा कोई आवेदन कोर्ट में दूसरे स्टेट की पुलिस ने नहीं किया है, लेकिन संभावना है कि आने वाले दिनों में नक्सलियों के खिलाफ नकेल कसने को लेकर देश के कई स्टेट की पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. गौरतलब है कि हालिया वर्षों में कई राज्यों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की ताकत कमजोर हुई है. इसके बीच संगठन को पुनर्जीवित करने में जुटे प्रमोद मिश्रा को गया पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त छापेमारी में बीते 9 अगस्त को गिरफ्तार किया गया है, तब से वह गया सेंट्रल जेल में बंद है.

53 सालों का है नक्सली प्रमोद मिश्रा का इतिहासः 9 अगस्त को गया में सहयोगी के साथ हुए थी गिरफ्तारीः गौरतलब है, कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में प्रमोद मिश्रा अपने आप में एक बड़ा नाम है. प्रमोद मिश्रा का तकरीबन 53 सालों से नक्सल का इतिहास रहा है. प्रमोद मिश्रा बिहार के औरंगाबाद जिले के कोसमा के रहने वाले हैं. वही इनके साथ गिरफ्तार सहयोगी अनिल यादव बांकेबाजार थाना क्षेत्र के असुराइन गांव का रहने वाला है. बिहार में प्रमोद मिश्रा को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद किसी दूसरे स्टेट की पुलिस के द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने की संभावना के मदेनजर सुरक्षा महकमे के अधिकारी अभी कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 28, 2023, 11:48 AM IST
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