नई दिल्ली : दिल्ली में 2020 के मुकाबले 2021 में अपराधियों (Delhi Crime) ने अधिक वारदातों को अंजाम दिया. खासतौर से स्ट्रीट क्राइम (Delhi Street Crime) जैसे लूट एवं झपटमारी में काफी बढ़ोत्तरी इस वर्ष दर्ज की गई है. इनके अलावा हत्या प्रयास, डकैती एवं वाहनचोरी की वारदातों में भी वर्ष 2021 में इजाफा देखने को मिला है. महिला अपराध के मामलों में भी वर्ष 2021 के आंकड़े 2020 पर भारी दिखे.
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में अपराधियों ने जमकर दिल्ली की सड़कों पर वारदातों (Incidents on streets of Delhi) को अंजाम दिया. दिल्ली में हत्या (Murder in Delhi) को छोड़ अन्य सभी वारदातों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. चोरी, सेंधमारी से लेकर फिरौती के लिए अपहरण तक के आंकड़े वर्ष 2021 में बढ़े हुए हैं. पुलिस के लिए सबसे बड़ी चिंता स्ट्रीट क्राइम का बढ़ना है. सड़क पर चलते हुए लोगों के साथ होने वाले अपराध जैसे लूट और झपटमारी में इस वर्ष काफी बढ़ोतरी देखने को मिली. पुलिस के लिए राहत की बात यह है कि वारदात के साथ वह आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी काफी हद तक कामयाब रहे हैं. लेकिन कहीं न कहीं इन अपराधों का बढ़ना दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चिंता का विषय है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2021 में अपराध बढ़ने (crimes increases in delhi) का सबसे बड़ा कारण 2020 में लगा लॉकडाउन रहा. दरअसल, 2020 में लॉकडाउन के दौरान अपराध 80 से 90 फीसदी तक कम हो गए थे. लेकिन वर्ष 2021 में लॉकडाउन पूरी तरीके से प्रतिबंधित नहीं था. इसकी वजह से उस दौरान भी वारदात होती रही हैं. यही वजह है कि वर्ष 2021 में 2020 के मुकाबले ज्यादा अपराध हुए हैं. इसके अलावा 2020 के अंत से लेकर कोविड की दूसरी लहर तक बड़ी संख्या में तिहाड़ जेल से विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत (interim bail to prisoners) और पैरोल पर छोड़ा गया था. इन लोगों ने बाहर आने के बाद कई अपराधों को अंजाम दिया जिसके चलते भी इस वर्ष अपराध के आंकड़े बढ़े हैं.
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध (crime against women in delhi) की बात करें तो अपराध के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में महिलाओं के प्रति होने वाले सभी अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है. हैरानी की बात यह है कि महिलाओं से घरेलू हिंसा (domestic violence in delhi) एवं दहेज हत्या के मामलों में भी इस वर्ष इज़ाफा हुआ है. 2021 में घरेलू हिंसा 95 फीसदी बढ़ गई है. पुलिस द्वारा जारी अपराध के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदम नाकाफी हैं.
दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता महिला अपराधों को रोकना है. इसके लिए पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं. लेकिन वर्ष 2021 में 31 अक्टूबर तक महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी अपराध बढ़ गए हैं. घर के बाहर एवं अंदर, दोनों ही जगह पर महिलाएं पहले से ज्यादा अपराध का शिकार हो रही हैं. दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या आदि मामलों में इस वर्ष वृद्धि इस वर्ष दर्ज की गई है. महिला अपराध के आंकड़ों का इस तरह बढ़ना कहीं न कहीं पुलिस के लिए चिंता का विषय है.
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने की वजह
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी एलएन राव ने बताया कि महिलाओं के प्रति वर्ष 2021 में अपराध बढ़ने का एक बड़ा कारण बीते वर्ष अपराध का काफी कम होना है. बीते वर्ष महिलाएं घर से कम निकली थीं. इस वर्ष महिलाएं घर से ज्यादा निकली हैं. इसके चलते घर के बाहर महिलाएं अपराध का शिकार बीते वर्ष के मुकाबले ज्यादा हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ घरेलू हिंसा के मामले भी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे हैं. पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हैं क्योंकि लोगों के बीच सहनशीलता खत्म हो रही है. दोनों अगर दफ्तर में काम करते हैं तो वहां के दबाव की वजह से भी वह आपस में झगड़ते हैं. उन्होंने वकालत में देखा है कि पति-पत्नी एक दूसरे की बात को काटते हैं जो झगड़े का बड़ा कारण है.
अपहरण की घटनाएं
वहीं, प्रजा फाउंडेशन के अनुसार, दिल्ली में लड़कों के अपहरण (kidnapping incident in delhi) का प्रतिशत दिल्ली में घट रहा है, जबकि लड़कियों के अपहरण का प्रतिशत बीते दो वर्षों से बढ़ रहा है. 2020 में हुए अपहरण की 73 फीसदी घटनाएं लड़कियों के साथ हुई हैं. प्रजा फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि बीते पांच सालों में अपहरण के मामलों में लगातार कमी देखने को मिली है. 2016 में जहां अपहरण के 6596 मामले सामने आए थे तो वहीं वर्ष 2020 में यह आंकड़ा घटकर 4051 पर आ गया है, लेकिन 2016 में जहां अपहरण के 62 फीसदी मामले लड़कियों के थे तो वहीं 2020 में यह बढ़कर 73 फीसदी तक पहुंच गए हैं.
प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में 12 से 18 साल की लड़कियों के अपहरण के मामले सबसे ज्यादा हो रहे हैं. छह साल से कम उम्र की बच्ची के अपहरण के मामले लगभग एक फीसदी हैं. छह से 12 साल की बच्चियों के अपहरण के मामले 6 से 9 फीसदी के बीच रहते हैं. 12 से 16 साल की बच्चियों के अपहरण के मामले 2018 में जहां 29 फीसदी थे, तो वहीं 2020 में यह बढ़कर 37 फीसदी तक पहुंच गए हैं.
वहीं, पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में वह अपराधियों के खिलाफ और सख्ती बरतेंगे जिससे स्ट्रीट क्राइम में कमी आएगी.
दिल्ली में बढ़ा अपराध
अपराध | 2021 | 2021 |
डकैती | 08 | 20 |
लूट | 1606 | 1829 |
झपटमारी | 6318 | 7504 |
हत्या प्रयास | 480 | 640 |
हत्या | 393 | 379 |
दुष्कर्म | 1429 | 1725 |
छेड़छाड़ | 1791 | 2157 |
वाहन चोरी | 28732 | 31374 |