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Ahmedabad Crime: क्राइम ब्रांच ने 500 से ज्यादा फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार

गुजरात के अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 500 से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले दो आरोपियों को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है. जांच में जम्मू के 3 और गांधीनगर के 3 लोगों के नाम भी सामने आए हैं.

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Published : Jun 24, 2023, 3:33 PM IST

अहमदाबाद: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सेना के फर्जी दस्तावेजों पर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें क्राइम ब्रांच ने 556 और लाइसेंस जब्त किए हैं. आरोपी के पास से एक फर्जी कैंटीन कार्ड भी बरामद हुआ है.

जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाके उरी, पुलवामा, अनंतनाग, बारामुला जैसे स्थानों की सैन्य छावनी के पते पर गांधीनगर से जम्मू के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में और भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग 5 हजार से 9 हजार रुपये लेते थे. जांच में जम्मू के 3 और गांधीनगर के 3 लोगों के नाम भी सामने आए हैं. फिर एक टीम जम्मू जाने के लिए तैयार की गई है. मिलिट्री इंटेलिजेंस पुणे ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सूचना दी, जिसके आधार पर गांधीनगर आरटीओ में कार्यरत संतोष चौहान और धवल रावत नाम के एजेंट को गिरफ्तार किया गया.

ये एजेंट पिछले तीन साल से सेना के फर्जी दस्तावेजों पर लाइसेंस बना रहे थे. अब तक जम्मू-कश्मीर के 2000 से अधिक रेजिडेंट लाइसेंस बनाए जा चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में इस लाइसेंस का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करने के संदेह पर जांच शुरू कर दी गई है. गिरफ्तार आरोपी संतोष सिंह चौहान की जांच के दौरान पता चला कि वह 1991 से 2012 तक भारतीय नौसेना अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में रखरखाव कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा था.

वर्ष 2015 से वह गांधीनगर में रहकर आरटीओ में एजेंट के रूप में काम कर रहा था. इस दौरान वह अशफाक, नजीर, वसीम और जम्मू-कश्मीर के कुछ अन्य मामलों के संपर्क में आये. उन्होंने यह ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना शुरू किया. इस संबंध में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड हासिल की है. रिमांड के दौरान आरोपियों के पास से 556 और ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं.

साथ ही उनके पास से अन्य दस्तावेज और कैंटीन कार्ड भी मिले हैं और आरोपियों से आगे की पूछताछ की जा रही है. उनके साथ अपराध में शामिल जम्मू-कश्मीर के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम जम्मू-कश्मीर रवाना की गई है. अब जम्मू-कश्मीर से आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही इस मामले में और भी बातें सामने आ सकेंगी. इस संबंध में क्राइम ब्रांच पीआई मितेश त्रिवेदी ने बताया कि आरोपियों से जांच में 556 और ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं. वारदात में शामिल आरोपियों को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार करने की कवायद की गई है. उनकी गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं.

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जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाके उरी, पुलवामा, अनंतनाग, बारामुला जैसे स्थानों की सैन्य छावनी के पते पर गांधीनगर से जम्मू के लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मामले में और भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग 5 हजार से 9 हजार रुपये लेते थे. जांच में जम्मू के 3 और गांधीनगर के 3 लोगों के नाम भी सामने आए हैं. फिर एक टीम जम्मू जाने के लिए तैयार की गई है. मिलिट्री इंटेलिजेंस पुणे ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को सूचना दी, जिसके आधार पर गांधीनगर आरटीओ में कार्यरत संतोष चौहान और धवल रावत नाम के एजेंट को गिरफ्तार किया गया.

ये एजेंट पिछले तीन साल से सेना के फर्जी दस्तावेजों पर लाइसेंस बना रहे थे. अब तक जम्मू-कश्मीर के 2000 से अधिक रेजिडेंट लाइसेंस बनाए जा चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में इस लाइसेंस का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करने के संदेह पर जांच शुरू कर दी गई है. गिरफ्तार आरोपी संतोष सिंह चौहान की जांच के दौरान पता चला कि वह 1991 से 2012 तक भारतीय नौसेना अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी में रखरखाव कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा था.

वर्ष 2015 से वह गांधीनगर में रहकर आरटीओ में एजेंट के रूप में काम कर रहा था. इस दौरान वह अशफाक, नजीर, वसीम और जम्मू-कश्मीर के कुछ अन्य मामलों के संपर्क में आये. उन्होंने यह ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना शुरू किया. इस संबंध में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड हासिल की है. रिमांड के दौरान आरोपियों के पास से 556 और ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं.

साथ ही उनके पास से अन्य दस्तावेज और कैंटीन कार्ड भी मिले हैं और आरोपियों से आगे की पूछताछ की जा रही है. उनके साथ अपराध में शामिल जम्मू-कश्मीर के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच की एक टीम जम्मू-कश्मीर रवाना की गई है. अब जम्मू-कश्मीर से आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही इस मामले में और भी बातें सामने आ सकेंगी. इस संबंध में क्राइम ब्रांच पीआई मितेश त्रिवेदी ने बताया कि आरोपियों से जांच में 556 और ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं. वारदात में शामिल आरोपियों को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार करने की कवायद की गई है. उनकी गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं.

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