जयपुर. वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रति युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ा है. हमारे देश में संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को देश की सबसे बड़ी और मुश्किल परीक्षाओं में माना जाता है. इस परीक्षा जो टॉप रैंक पर होते हैं वे ही आईएएस अधिकारी बनते हैं. पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान के युवाओं का भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का क्रेज खासा (craze of becoming IAS in Rajasthan youth) बढ़ा है. भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने वाले युवाओं के तीन साल के आंकड़ों की बदौलत राजस्थान दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है.
देश भर में 399 आईएएस लहरा रहे परचम
सिविल सेवा परीक्षा को लेकर प्रदेश के युवाओं में रुझान बढ़ता जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान के युवाओं में अब आईएएस बनने का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है. केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा-2020 में आईएएस के लिए सेलेक्ट 177 अभ्यर्थियों को कैडर अलॉट हुए. इसमें राजस्थान के 22 युवाओं ने सारे मिथक तोड़ते हुए देशभर में प्रदेश का पायदान ऊंचा किया है. अब देश में सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारी देने में यूपी के बाद दूसरे स्थान पर राजस्थान का नाम है. देश में राजस्थान के 399 आईएएस तैनात हैं जो पद पर कार्यरत हैं.
3 साल में राजस्थान से 60 आईएएस निकले
वैसे तो राजस्थान भारतीय प्रशानिक सेवा जैसे बड़े कॉम्पिटिशन में टॉप 5 से बाहर ही रहा है, लेकिन पिछले तीन-चार सालों में बदले आंकड़ों ने प्रदेश की छवि में भी परिवर्तन लाया है. आईएएस कार्मिक मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 3 साल में राजस्थान से 60 युवाओं को आईएएस श्रेणी मिली. वर्ष 2018 में 22, 2019 में 16 और 2020 में 22 युवाओं ने आईएएस परीक्षा पास कर दुनिया को यह दिखा दिया की राजस्थान के युवा भी पीछे नहीं हैं. उत्तर प्रदेश के बाद 3 साल में किसी भी राज्य से सर्वाधिक आईएएस बनने वालों में राजस्थान दूसरे स्थान पर है. इस तरह प्रदेश के युवाओं ने यह मिथक तोड़ा है कि यूपी, बिहार, एमपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु या बंगाल जैसे राज्यों के ही युवा आईएएस बन रहे हैं.
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क्या है आईएएस की ओर रुझान बढ़ने की वजह
युवाओं का आईएएस एग्जाम को लेकर क्रेज इसलिए भी ज्यादा बढ़ा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में राजस्थान में अच्छे स्तर के कोचिंग संस्थान खुले हैं. अच्छी फेकल्टी से मिलने वाली टिप्स से परिणाम भी अच्छे आते हैं. रिटायर्ड आईएएस भागीरथ शर्मा कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से राजस्थान के एजुकेशन स्तर में तेजी वृद्धि हुई है, उससे उनके कॉम्पिटिशन देने के स्तर में भी बदलाव आया है. अच्छी कोचिंग के बीच युवाओं की सोच भी बदली है.
आरएएस भर्ती घोटाले भी एक वजह
रिटायर्ड आईएएस भागीरथ शर्मा बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से आरएएस भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं. इसने भी युवाओं को आईएएस एग्जाम फाइट करने के लिए प्रेरित किया. 2015 के बाद लगातार आररएस भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं जिसके बाद युवाओं की मानसिकता पर इस बात ने भी असर डाला है कि आररएस से ज्यादा निष्पक्षता के साथ आईएएस के एग्जाम होते हैं. इसलिए अब प्रदेश के युवा भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारियों पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं.