जोशीमठ: शहर को औली से जोड़ने वाली 4.15 किलोमीटर लम्बी रोपवे भी पूरी तरह अब खतरे की जद में आ गई है. देर रात रोपवे के प्लेटफॉर्म के पास बड़ी बड़ी दरारें आ गई हैं. हालांकि रोपवे के टावर नंबर 1 के पास बीते दिनों दरारें आने के बाद प्रशासन के द्वारा रोपवे के संचालन पर एहतियातन रोक लगा दी गई थी. देर रात प्लेटफॉर्म पर आई दरारों के बाद भविष्य में भी रोपवे के संचालन को लेकर चिंताए बढ़ गई हैं.
गौर हो कि जोशीमठ भू धंसाव की आंच रोपवे तक आ गई है, जिसके कयास लगातार लगाए जा रहे थे. लेकिन किसी अनहोनी से बचने के लिए रोपवे का संचालन पहले से भी बंद था. रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किए क्षेत्र में है. इसके चलते रोपवे को लेकर भी आशंकाएं तेज हो गई थी. जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव से जोशीमठ औली रोपवे भी प्रभावित हो गया है. इससे पहले प्रशासन ने जहां चार वार्डों को असुरक्षित घोषित किया है, उसमें मनोहर बाग वार्ड भी है और रोपवे का एक नंबर टावर यहीं लगा है. रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना था कि रोपवे के टावर की हर दिन नियमित निगरानी की जा रही है.
जोशीमठ से औली तक इस रोपवे की दूरी करीब चार किमी है. इसमें 10 टावर लगे हैं. रोपवे से जोशीमठ से औली पहुंचने में 15 मिनट का समय लगता है. औली जाने के लिए पर्यटकों की पहली पसंद रोपवे ही रहता है. आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से उत्तराखंड के पर्वतीय शहरों में क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है. जोशीमठ भू धंसाव के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है.
वहीं होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन को तोड़ने की कार्रवाई जारी है. मजदूर असुरक्षित बने इन दोनों होटलों को तोड़ने के कार्य में लगे हैं. होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन बहुमंजिला इमारतें हैं. इन पर दरार आने के बाद प्रशासन ने इन्हें असुरक्षित घोषित कर दिया था. इसके बाद इन दोनों होटलों को गिराने का फैसला लिया गया था.