काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल पार्टी ने बागी नेता माधव कुमार नेपाल समेत चार वरिष्ठ नेताओं से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है और इसी के साथ पार्टी में प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच तनाव और बढ़ गया है.
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने शनिवार को अपनी केंद्रीय समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पार्टी में प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता नेपाल, वरिष्ठ नेताओं भीम रावल, सुरेंद्र पांडे और घनश्याम भूसल से स्पष्टीकरण मांगा.
बैठक में पार्टी एवं सरकार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलने और पार्टी की समानांतर बैठकें आयोजित करने को लेकर चारों वरिष्ठ नेताओं से स्पष्टीकरण मांगे जाने का फैसला किया गया था.
स्पष्टीकरण के लिए पार्टी ने दिया तीन दिन का समय
यूएमएल के पार्टी कार्यालय सचिव ईश्वरी रिजल ने कहा, 'हमने माधव नीत धड़े द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सभा के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के लिए चार पार्टी नेताओं को पत्र भेजे हैं.' पार्टी ने उनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा है. ओली नीत धड़े के प्रभुत्व वाली यूएमएल केंद्रीय समिति ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि पार्टी के माधव नेपाल नीत गुट ने देशभर में समानांतर समितियां बनाकर गुटबाजी की राजनीति की है.
ओली के खिलाफ विरोध को तेज करते हुए नेपाल और झाला नाथ खनल के नेतृत्व में प्रतिद्वंद्वी गुट ने पार्टी की सभी समितियों को उसी रूप में पुनर्जीवित और पुनर्गठित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का शुक्रवार को फैसला किया, जैसे वे पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व में सीपीएन-मओइस्ट सेंटर के साथ विलय से पहले थीं.
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यह फैसला चार हजार से अधिक पार्टी नेताओं और इस धड़े के करीबी कार्यकर्ताओं की बृहस्पतिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सभा के समापन के बाद किया गया. प्रतिद्वंद्वी गुट ने आरोप लगाया कि पार्टी के अध्यक्ष ओली इसे विभाजित करने पर आमादा थे.