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त्रिपुरा चुनाव : SC पहुंची माकपा, भाजपा पर समर्थकों को प्रताड़ित करने का आरोप

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Published : Nov 25, 2021, 9:56 AM IST

Updated : Nov 25, 2021, 2:20 PM IST

त्रिपुरा निकाय चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टी सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सीपीएम ने उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है और शीर्ष अदालत के समक्ष तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा पहले से दायर रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

त्रिपुरा चुनाव
त्रिपुरा चुनाव

नई दिल्ली : त्रिपुरा निकाय चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टी सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सीपीएम (माकपा) ने शीर्ष अदालत के समक्ष तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा पहले से दायर रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज ही सुनवाई करेगा.

सीपीएम ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रताड़ित किया जा रहा है तथा निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के खिलाफ धमकी दी जा रही है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि सीपीएम समर्थकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. वे आतंकित और संयमित हैं. उनकी जान को खतरा है. ऐसे में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव टालने का अनुरोध करने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की याचिका 23 नवंबर को अस्वीकार कर दी थी. न्यायालय ने लोकतंत्र में इसे एक अंतिम उपाय बताते हुए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस को कुछ निर्देश जारी किए.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में अशांति पैदा करना चाहती है टीएमसी : केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि क्‍या भाजपा विधायक ने तालिबान स्‍टाइल में हिंसा का भाषण दिया था. अदालत ने यह भी पूछा था कि विधायक के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की गई है.

शीर्ष अदालत तृणमूल कांग्रेस और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है और सरकारी अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया है.

नई दिल्ली : त्रिपुरा निकाय चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टी सीपीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सीपीएम (माकपा) ने शीर्ष अदालत के समक्ष तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा पहले से दायर रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की मांग की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज ही सुनवाई करेगा.

सीपीएम ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रताड़ित किया जा रहा है तथा निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के खिलाफ धमकी दी जा रही है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि सीपीएम समर्थकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. वे आतंकित और संयमित हैं. उनकी जान को खतरा है. ऐसे में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव टालने का अनुरोध करने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की याचिका 23 नवंबर को अस्वीकार कर दी थी. न्यायालय ने लोकतंत्र में इसे एक अंतिम उपाय बताते हुए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस को कुछ निर्देश जारी किए.

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि क्‍या भाजपा विधायक ने तालिबान स्‍टाइल में हिंसा का भाषण दिया था. अदालत ने यह भी पूछा था कि विधायक के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की गई है.

शीर्ष अदालत तृणमूल कांग्रेस और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनावों की तारीख नजदीक आ रही है और सरकारी अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया है.

Last Updated : Nov 25, 2021, 2:20 PM IST
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