अगरतला: त्रिपुरा के स्थानीय निकाय चुनाव में विपक्षी सीपीआईएम पार्टी (CPIM) ने भाजपा पर हिंसा करने उम्मीदवारों को डराने और उन पर हमला करने का आरोप लगाया है. माकपा की की पश्चिमी जिला कमेटी ने भाजपा विधायकों और राज्य सरकार के मंत्रियों पर निकाय चुनाव में वाम मोर्चा के उम्मीद्वारों पर नामांकन वापसी का दबाव बनाने का आरोप लागाया है.
सीपीआईएम के अनुसार सरकार समर्थित विधायक उसके उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं, उनके घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. राज्य सरकार के मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके उम्मीवारों को नामांकन वापसी के लिए मजबूर किया जा रहा है. जिले के वार्ड संख्या 14, 15,16 और 43 के उम्मीद्वारों ने भाजपा के दबाव में ही अपना नामांकन वापस लिया है.
राज्य सरकार के मंत्री भी इस मामले में शामिल हैं. वे अपने संवैधानिक जिम्मेदारियों से खूद को बचा नहीं सकते. सीपीआईएम ने बयान जारी कर कहा है कि वार्ड नंबर 48 के उम्मीद्वार के प्रस्तावक निबीर चक्रवर्ती पर भाजपा के लोगों ने जानलेवा हमला किया. हमले का मुख्य उद्देश्य उम्मीद्वार को डराना और दहशत फैलाना था.
हमले में घायल निबीर चक्रवर्ती की बेहतर इलाज लिए कोलकाता ले जाया गया है. वहीं, वाम मोर्चा के उम्मीद्वार लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव लड़ेंगे और भाजपा के हिंसा और दबाव से हम नहीं डरेंगे और भाजपा का मुकाबला करेंगे. माकपा की जिला कमेटी ने इस घटाना की निंदा करते हुए कहा है कि पिछले 43 महीनों से, भाजपा राज्य में लोगों के वोट के अधिकार और अन्य लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अधिकारों पर लगातार सुनियोजित तरीके से हमला कर रही है. भाजपा हमारे उम्मीदवारों पर चुनाव से हटने का दबाव बना रही है.
ये पढ़ें: त्रिपुरा हिंसा पर कार्रवाई नहीं करने पर NHRC की हुई तीखी आलोचना
भाजपा चुनावी प्रक्रिया को तमाशा बना रही है. मुख्य विपक्षी माकपा ने चुनाव आयोग पर चुनावी हिंसा के खिलाफ भाजपा पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने त्रिपुरा के विकास के लिए लोगों से अपने उम्मीद्वारों को वोट देने और जिताने की अपील की है.