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कोविन कॉन्क्लेव : भारत के प्रयास की मुरीद हुई दुनिया, जानिए किस देश ने क्या कहा

कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव में आज कई देशों ने भारत की सराहना की. इसमें भूटान और मालदीव प्रमुख रहे. इससे पहले पीएम मोदी ने इस कॉन्क्लेव को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि भारत सभी देशों को कोविन मंच मुहैया कराने के लिए तैयार है.

कोविन कॉन्क्लेव
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Published : Jul 5, 2021, 7:29 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 8:15 PM IST

नई दिल्ली : बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और गुयाना सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने CoWIN ग्लोबल कॉन्क्लेव में भाग लिया. इन देशों ने वैश्विक स्तर पर COVID-19 के टीके उपलब्ध कराने में भारत की भूमिका की सराहना की. इन देशों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी मंच- कोविन को अपनाने की ओर भी झुकाव दिखाया.

सोमवार को कॉन्क्लेव के दौरान मालदीव के स्वास्थ्य राज्यमंत्री शाह ए माहिर ने कहा कि मालदीव कोरोना महामारी के लिए तैयार नहीं था. इसने हमारी अर्थव्यवस्था को हमारे घुटनों पर ला दिया... हम बाहरी संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं. चूंकि हमारी सीमाएं बंद थीं, इसलिए हमें अत्यधिक कठिनाई हुई. उन्होंने कहा कि मालदीव ने भारत से मिले दान और मदद से अपना काम चलाया.

इसके अलावा भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डेचेन वांगमो ने COVID वैक्सीन की पहली खुराक को शुरू करने में देश की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

स्वास्थ्य मंत्री डेचेन वांगमो ने कहा कि हमें अपनी पहली खुराक के रोलआउट के साथ जो सफलता मिली है, वह हमारे बहुत खास दोस्त, भारत के अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं थी. उन्होंने कहा कि हम भारत का धन्यवाद करते हैं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी असाधारण दयालुता और नेतृत्व के लिए बधाई देना चाहते हैं.

वांगमो ने कहा कि वैक्सीन इक्विटी मुद्दे पर पीएम मोदी के नेतृत्व से वैश्विक एकजुटता की अभिव्यक्ति हुई है.

गुयाना के स्वास्थ्य मंत्री (Guyana Health Minister) फ्रैंक सी एंथनी (Frank C Anthony) ने टिप्पणी की कि उनके देश में शेष आबादी को टीका लगाने के लिए कोविन मदद कर सकता है. महामारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया में, हमारा समयबद्ध तरीके से डेटा एकत्र करना और वास्तविक समय में निर्णय लेना रहा है.

हम इस चुनौती से जूझ रहे हैं और सही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (software and hardware) की तलाश कर रहे हैं, जो मजबूती से काम कर सके. उन्होंने कहा कि उचित तकनीक के उपयोग के बिना हमारी आबादी के शेष हिस्से तक पहुंचना अधिक कठिन हो जाता है. आज सुबह मैंने जो सुना है, मुझे लगता है कि हमने सह-जीत में समाधान ढूंढ लिया है.

पढ़ें - भारत दिसंबर तक पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करेगा : डॉ हर्षवर्धन

इस दौरान बांग्लादेश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (आईसीटी) जुनैद अहमद पलक ने डिजिटल COVID वैक्सीन पासपोर्ट पेश करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने मौजूदा महामारी से सीखा है कि हमें जीवित रहना है, समृद्ध होने और इस दुनिया की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से आगे बढ़ना है. यह प्रतिस्पर्धा करने का समय नहीं है, बल्कि सहयोग करने का वक्त है. मैं एक डिजिटल की शुरूआत का प्रस्ताव करना चाहता हूं. आज यहां मौजूद विभिन्न देशों के स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को COVID वैक्सीन पासपोर्ट प्रस्ताव देता हूं, जो यह सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और हमारे क्षेत्र के भीतर व्यापार और पर्यटन की सुविधा प्रदान की जाए.

सूत्रों ने कहा कि उपरोक्त देशों के अलावा कई अन्य देशों ने कोविन प्लेटफॉर्म को अपनाने में रुचि दिखाई. विदेश मंत्रालय (MEA) इन इच्छुक देशों द्वारा मंच के अनुकूलन और अपनाने को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ काम करेगा.

सूत्रों के अनुसार, जिन अन्य देशों ने दिलचस्पी दिखाई उनमें वियतनाम, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, साइप्रस, क्रोएशिया, सिएरा लियोन, जाम्बिया और मलावी शामिल हैं.

नई दिल्ली : बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और गुयाना सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने CoWIN ग्लोबल कॉन्क्लेव में भाग लिया. इन देशों ने वैश्विक स्तर पर COVID-19 के टीके उपलब्ध कराने में भारत की भूमिका की सराहना की. इन देशों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी मंच- कोविन को अपनाने की ओर भी झुकाव दिखाया.

सोमवार को कॉन्क्लेव के दौरान मालदीव के स्वास्थ्य राज्यमंत्री शाह ए माहिर ने कहा कि मालदीव कोरोना महामारी के लिए तैयार नहीं था. इसने हमारी अर्थव्यवस्था को हमारे घुटनों पर ला दिया... हम बाहरी संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं. चूंकि हमारी सीमाएं बंद थीं, इसलिए हमें अत्यधिक कठिनाई हुई. उन्होंने कहा कि मालदीव ने भारत से मिले दान और मदद से अपना काम चलाया.

इसके अलावा भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डेचेन वांगमो ने COVID वैक्सीन की पहली खुराक को शुरू करने में देश की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

स्वास्थ्य मंत्री डेचेन वांगमो ने कहा कि हमें अपनी पहली खुराक के रोलआउट के साथ जो सफलता मिली है, वह हमारे बहुत खास दोस्त, भारत के अटूट समर्थन के बिना संभव नहीं थी. उन्होंने कहा कि हम भारत का धन्यवाद करते हैं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी असाधारण दयालुता और नेतृत्व के लिए बधाई देना चाहते हैं.

वांगमो ने कहा कि वैक्सीन इक्विटी मुद्दे पर पीएम मोदी के नेतृत्व से वैश्विक एकजुटता की अभिव्यक्ति हुई है.

गुयाना के स्वास्थ्य मंत्री (Guyana Health Minister) फ्रैंक सी एंथनी (Frank C Anthony) ने टिप्पणी की कि उनके देश में शेष आबादी को टीका लगाने के लिए कोविन मदद कर सकता है. महामारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया में, हमारा समयबद्ध तरीके से डेटा एकत्र करना और वास्तविक समय में निर्णय लेना रहा है.

हम इस चुनौती से जूझ रहे हैं और सही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (software and hardware) की तलाश कर रहे हैं, जो मजबूती से काम कर सके. उन्होंने कहा कि उचित तकनीक के उपयोग के बिना हमारी आबादी के शेष हिस्से तक पहुंचना अधिक कठिन हो जाता है. आज सुबह मैंने जो सुना है, मुझे लगता है कि हमने सह-जीत में समाधान ढूंढ लिया है.

पढ़ें - भारत दिसंबर तक पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करेगा : डॉ हर्षवर्धन

इस दौरान बांग्लादेश के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (आईसीटी) जुनैद अहमद पलक ने डिजिटल COVID वैक्सीन पासपोर्ट पेश करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने मौजूदा महामारी से सीखा है कि हमें जीवित रहना है, समृद्ध होने और इस दुनिया की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से आगे बढ़ना है. यह प्रतिस्पर्धा करने का समय नहीं है, बल्कि सहयोग करने का वक्त है. मैं एक डिजिटल की शुरूआत का प्रस्ताव करना चाहता हूं. आज यहां मौजूद विभिन्न देशों के स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को COVID वैक्सीन पासपोर्ट प्रस्ताव देता हूं, जो यह सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और हमारे क्षेत्र के भीतर व्यापार और पर्यटन की सुविधा प्रदान की जाए.

सूत्रों ने कहा कि उपरोक्त देशों के अलावा कई अन्य देशों ने कोविन प्लेटफॉर्म को अपनाने में रुचि दिखाई. विदेश मंत्रालय (MEA) इन इच्छुक देशों द्वारा मंच के अनुकूलन और अपनाने को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ काम करेगा.

सूत्रों के अनुसार, जिन अन्य देशों ने दिलचस्पी दिखाई उनमें वियतनाम, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, साइप्रस, क्रोएशिया, सिएरा लियोन, जाम्बिया और मलावी शामिल हैं.

Last Updated : Jul 5, 2021, 8:15 PM IST
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