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सरकार का आश्वासन, पूरी तरह सुरक्षित हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन - सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की 'कोविशील्ड' पूरी तरह से सुरक्षित है. साथ ही उन्होंने बताया कि 13 जनवरी से देशभर में टीकाकरण प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

डॉ बलराम भार्गव
डॉ बलराम भार्गव
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Published : Jan 5, 2021, 9:16 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया 13 जनवरी से शुरू हो सकती है. साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही टीके सुरक्षित हैं.

भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी मिलने के बाद हुए विवाद पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

कोविशील्ड परीक्षण के अंतरिम विश्लेषण का हवाला देते हुए, डॉ. भार्गव ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित और निर्मित की जाने वाली वैक्सीन सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक है. उन्होंने कहा कि 'कोवैक्सीन' को लेकर भी चिंता की कोई बात नहीं है.

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को खुद को पंजीकृत कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका डेटा बड़े पैमाने पर को-विन टीका वितरण प्रबंधन प्रणाली में डाला हुआ है.

उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास के फीडबैक के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय आपात इस्तेमाल की मंजूरी के 10 दिनों के भीतर कोविड-19 टीके को पेश करने के लिए तैयार है.

जब उनसे टीके को उपलब्ध (रोलआउट) कराने पर एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला सरकार द्वारा लिया जायेगा.

भूषण ने कहा कि को-विन यानी कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क प्रणाली भारत और दुनिया के लिए बनाई गई है, और जो भी देश इसका उपयोग करना चाहता है, भारत सरकार सक्रिय रूप से मदद करेगी.

इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि एक उम्मीद का माहौल भारत में महामारी की स्थिति के साथ उभर रहा है और सक्रिय मामलों और मौत के नए मामलों में गिरावट से स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है.

पढ़ें - कोविड टीकाकरण की तारीख को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान

पॉल ने कहा, 'उम्मीद है कि यह प्रवृति जारी रहेगी. ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप की जहां तक बात है, तो यह देश में प्रवेश कर गया है और 71 लोगों को पृथक किया गया, जो इस तरह की वैज्ञानिक जांच में हमारी क्षमता को दर्शाता है.'

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा दो टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी पर पॉल ने दोहराया कि इसे मंजूरी देने में सभी आवश्यक वैज्ञानिक और वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा किया गया है और नियामक मानदंडों का पालन किया गया है.

वहीं, कोविड-19 संबंधी आंकड़े देते हुए भूषण ने कहा कि पिछले पांच सप्ताह में ठीक होने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के नए मामलों से अधिक हो गई है.

भूषण ने कहा कि इस समय कोविड-19 के सक्रिय मरीजों में से 43.96 प्रतिशत मरीज स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में हैं, जबकि 56.04 प्रतिशत घरों पर पृथक-वास में है.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण प्रक्रिया 13 जनवरी से शुरू हो सकती है. साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही टीके सुरक्षित हैं.

भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी मिलने के बाद हुए विवाद पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

कोविशील्ड परीक्षण के अंतरिम विश्लेषण का हवाला देते हुए, डॉ. भार्गव ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित और निर्मित की जाने वाली वैक्सीन सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक है. उन्होंने कहा कि 'कोवैक्सीन' को लेकर भी चिंता की कोई बात नहीं है.

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को खुद को पंजीकृत कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका डेटा बड़े पैमाने पर को-विन टीका वितरण प्रबंधन प्रणाली में डाला हुआ है.

उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास के फीडबैक के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय आपात इस्तेमाल की मंजूरी के 10 दिनों के भीतर कोविड-19 टीके को पेश करने के लिए तैयार है.

जब उनसे टीके को उपलब्ध (रोलआउट) कराने पर एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला सरकार द्वारा लिया जायेगा.

भूषण ने कहा कि को-विन यानी कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क प्रणाली भारत और दुनिया के लिए बनाई गई है, और जो भी देश इसका उपयोग करना चाहता है, भारत सरकार सक्रिय रूप से मदद करेगी.

इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि एक उम्मीद का माहौल भारत में महामारी की स्थिति के साथ उभर रहा है और सक्रिय मामलों और मौत के नए मामलों में गिरावट से स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है.

पढ़ें - कोविड टीकाकरण की तारीख को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान

पॉल ने कहा, 'उम्मीद है कि यह प्रवृति जारी रहेगी. ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप की जहां तक बात है, तो यह देश में प्रवेश कर गया है और 71 लोगों को पृथक किया गया, जो इस तरह की वैज्ञानिक जांच में हमारी क्षमता को दर्शाता है.'

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा दो टीकों के सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी पर पॉल ने दोहराया कि इसे मंजूरी देने में सभी आवश्यक वैज्ञानिक और वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा किया गया है और नियामक मानदंडों का पालन किया गया है.

वहीं, कोविड-19 संबंधी आंकड़े देते हुए भूषण ने कहा कि पिछले पांच सप्ताह में ठीक होने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन सामने आने वाले संक्रमण के नए मामलों से अधिक हो गई है.

भूषण ने कहा कि इस समय कोविड-19 के सक्रिय मरीजों में से 43.96 प्रतिशत मरीज स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में हैं, जबकि 56.04 प्रतिशत घरों पर पृथक-वास में है.

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