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साल 2022-23 तक भारत के हर शख्स को मिलेगी कोरोना वैक्सीन

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाहकार डॉ. सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर हम एक अपने कोल्ड स्टोरेज और सप्लाई चेन की सुव्यवस्थित तरीके से आपूर्ति करते हैं, तो 2022 या 2023 के अंत तक भारत के प्रत्येक नागरिक को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी.

डॉ सुनीला गर्ग
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Published : Nov 26, 2020, 9:45 PM IST

नई दिल्ली : वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग ने गुरुवार को एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में, देश के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन मिलने की संभावना है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाहकार डॉ. गर्ग ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक की आवश्यकता होती है. यदि हम अपने कोल्ड स्टोरेज और सप्लाई चेन की आपूर्ति एक सुव्यवस्थित तरीके से करते हैं, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि 2022 या 2023 के अंत तक भारत के प्रत्येक नागरिक को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी.

हालांकि, यह उस वैक्सीन निर्माता पर भी निर्भर करता है, जो वैक्सीन की आपूर्ति करेगा.

ईटीवी बारत से बात करती डॉ सुनीला गर्ग

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन उम्मीदवार का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में कहा था कि अब से लगभग 2-3 साल बाद ही हर भारतीय को वैक्सीन मिल सकेगी.

केंद्र सरकार ने पहले ही नागरिकों के बीच कोविड-19 वैक्सीन के वितरण के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है, जिसके तहत फ्रंट लाइन स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी और फिर 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन मिलेगी. उसके बाद सह-रुग्णता वाले व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा.

डॉ. गर्ग ने कहा कि भारत में 137 करोड़ लोग रहते हैं. अगर हम अलग-अलग समूहों के 80 प्रतिशत लोगों (14 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर) को टीका लगाने की बात करें, तो लगभग 25 प्रतिशत ऐसे व्यक्ति होंगे, जिनके शरीर में एंटी-बॉडी होगी और उन्हें तत्काल प्राथमिकता नहीं मिलेगी. हालांकि, वैक्सीन की खरीद को ध्यान में रखते हुए यह एक बहुत बड़ा काम होगा.

उन्होंने कहा कि निजी कंपनियां निश्चित रूप से खरीद फरोख्त में एक बड़ी भूमिका निभाएंगी. कोविड-19 वैक्सीन के विनिर्माण के अलावा, सरकार वैक्सीन खरीद और वितरण प्रक्रिया पर निजी खिलाड़ियों के साथ बातचीत कर रही है.

पढ़ें - 28 नवंबर को पीएम का हैदराबाद दौरा, 'कोवैक्सीन' की लेंगे जानकारी

डॉ. गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा कोविड एप कोरोना वैक्सीन खरीद, वितरण, भंडारण और खुराक अनुसूची पर डेटा को सुव्यवस्थित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.

डॉ. गार्गी ने कहा कि एप संबंधित अधिकारियों को वास्तविक समय के आधार पर डेटा अपलोड और एक्सेस करने में सक्षम करेगा और प्राथमिकता सूची में उन लोगों को अपडेट प्रदान करेगा.

नई दिल्ली : वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की प्रमुख डॉ. सुनीला गर्ग ने गुरुवार को एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में, देश के प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन मिलने की संभावना है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाहकार डॉ. गर्ग ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक की आवश्यकता होती है. यदि हम अपने कोल्ड स्टोरेज और सप्लाई चेन की आपूर्ति एक सुव्यवस्थित तरीके से करते हैं, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि 2022 या 2023 के अंत तक भारत के प्रत्येक नागरिक को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी.

हालांकि, यह उस वैक्सीन निर्माता पर भी निर्भर करता है, जो वैक्सीन की आपूर्ति करेगा.

ईटीवी बारत से बात करती डॉ सुनीला गर्ग

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन उम्मीदवार का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में कहा था कि अब से लगभग 2-3 साल बाद ही हर भारतीय को वैक्सीन मिल सकेगी.

केंद्र सरकार ने पहले ही नागरिकों के बीच कोविड-19 वैक्सीन के वितरण के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है, जिसके तहत फ्रंट लाइन स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी और फिर 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन मिलेगी. उसके बाद सह-रुग्णता वाले व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा.

डॉ. गर्ग ने कहा कि भारत में 137 करोड़ लोग रहते हैं. अगर हम अलग-अलग समूहों के 80 प्रतिशत लोगों (14 साल से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर) को टीका लगाने की बात करें, तो लगभग 25 प्रतिशत ऐसे व्यक्ति होंगे, जिनके शरीर में एंटी-बॉडी होगी और उन्हें तत्काल प्राथमिकता नहीं मिलेगी. हालांकि, वैक्सीन की खरीद को ध्यान में रखते हुए यह एक बहुत बड़ा काम होगा.

उन्होंने कहा कि निजी कंपनियां निश्चित रूप से खरीद फरोख्त में एक बड़ी भूमिका निभाएंगी. कोविड-19 वैक्सीन के विनिर्माण के अलावा, सरकार वैक्सीन खरीद और वितरण प्रक्रिया पर निजी खिलाड़ियों के साथ बातचीत कर रही है.

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डॉ. गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा कोविड एप कोरोना वैक्सीन खरीद, वितरण, भंडारण और खुराक अनुसूची पर डेटा को सुव्यवस्थित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.

डॉ. गार्गी ने कहा कि एप संबंधित अधिकारियों को वास्तविक समय के आधार पर डेटा अपलोड और एक्सेस करने में सक्षम करेगा और प्राथमिकता सूची में उन लोगों को अपडेट प्रदान करेगा.

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