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Omicron वेरिएंट के बीच यात्राओं पर क्या है सरकार का रुख, सिंधिया ने संसद में दिया जवाब

Omicron वेरिएंट के मद्देनजर विदेश से भारत आ रहे यात्रियों की निगरानी के लिए केंद्र सरकार ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं. केंद्र सरकार के रूख को लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आज संसद में जवाब दिया. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर लोगों की जांच सुनिश्चित करने के इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि एक दिसंबर से यूरोप समेत 11 देशों से भारत आ रहे यात्रियों की जांच शुरू की गई है.

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Published : Dec 2, 2021, 1:20 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 1:27 PM IST

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ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron variant) से उपजी चिंताओं के बीच विदेशी यात्रियों के भारत आने पर केंद्र सरकार का रूख निगरानी करने का है. केंद्र सरकार की शर्तों के बारे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में जवाब दिया है.

संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही के दौरान लोक सभा सांसद कोटागिरी श्रीधर ने कोरोना महामारी के दौरान यात्राओं और पर्यटन को लेकर कोविड इंश्योरेंस (covid insurance) की मांग रखी. इसका जवाब नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने 11 देशों को ऐट रिस्क रखा है. उन्होंने कहा कि इन देशों में यूरोप के सभी देश शामिल हैं.

सिंधिया ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के मद्देनजर यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और इजराइल से भारत आने वाले लोगों की यात्राओं के लिए शर्त तय किए गए हैं.

यात्रा शर्तों के बारे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में जवाब दिया

उन्होंने कहा कि पहली बार यात्रा कर रहे लोगों को सरकार क्या सुविधाएं देगी, इस पर सरकार भविष्य में विचार करेगी.

बता दें कि ओमीक्रोन स्ट्रेन से खतरे पर डब्लूएचओ ने कहा है कि ओमीक्रोन कितना संक्रामक और खतरनाक (Strain Contagious and Dangerous है, इसके बारे में अनिश्चितता बनी हुई है. डब्ल्यूएचओ ने एक तकनीकी नोट में कहा कि अगर ओमीक्रोन द्वारा कोविड -19 में बड़ा उछाल होता है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इससे कोई मौत नहीं हुई है.

गौरतलब है कि गत 28 नवंबर को कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (New coronavirus variant omicron) के संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई थी. बैठक में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट (omicron variant) से निपटने के निवारक उपायों को मजबूत करने पर चर्चा की गई. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण, निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा करेगी.

28 नवंबर की बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि विशेष रूप से 'जोखिम में' श्रेणी के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से आने वाले लोगों की निगरानी की जाएगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि COVID के ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को मजबूत और तेज किया जाएगा.

इससे पहले 27 नवंबर को पीएम मोदी ने भी ओमीक्रोन वेरिएंट पर उच्चस्तरीय बैठक की थी. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप- ओमीक्रोन वेरिएंट का पहली बार पता चला था. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए.

ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने की जरूरत पर बल दिया था. देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी.

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की खोज कैसे हुई, अब तक उपलब्ध जानकारी

लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron variant) से उपजी चिंताओं के बीच विदेशी यात्रियों के भारत आने पर केंद्र सरकार का रूख निगरानी करने का है. केंद्र सरकार की शर्तों के बारे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में जवाब दिया है.

संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही के दौरान लोक सभा सांसद कोटागिरी श्रीधर ने कोरोना महामारी के दौरान यात्राओं और पर्यटन को लेकर कोविड इंश्योरेंस (covid insurance) की मांग रखी. इसका जवाब नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने 11 देशों को ऐट रिस्क रखा है. उन्होंने कहा कि इन देशों में यूरोप के सभी देश शामिल हैं.

सिंधिया ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के मद्देनजर यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और इजराइल से भारत आने वाले लोगों की यात्राओं के लिए शर्त तय किए गए हैं.

यात्रा शर्तों के बारे में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में जवाब दिया

उन्होंने कहा कि पहली बार यात्रा कर रहे लोगों को सरकार क्या सुविधाएं देगी, इस पर सरकार भविष्य में विचार करेगी.

बता दें कि ओमीक्रोन स्ट्रेन से खतरे पर डब्लूएचओ ने कहा है कि ओमीक्रोन कितना संक्रामक और खतरनाक (Strain Contagious and Dangerous है, इसके बारे में अनिश्चितता बनी हुई है. डब्ल्यूएचओ ने एक तकनीकी नोट में कहा कि अगर ओमीक्रोन द्वारा कोविड -19 में बड़ा उछाल होता है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इससे कोई मौत नहीं हुई है.

गौरतलब है कि गत 28 नवंबर को कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (New coronavirus variant omicron) के संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई थी. बैठक में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट (omicron variant) से निपटने के निवारक उपायों को मजबूत करने पर चर्चा की गई. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण, निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा करेगी.

28 नवंबर की बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि विशेष रूप से 'जोखिम में' श्रेणी के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से आने वाले लोगों की निगरानी की जाएगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि COVID के ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को मजबूत और तेज किया जाएगा.

इससे पहले 27 नवंबर को पीएम मोदी ने भी ओमीक्रोन वेरिएंट पर उच्चस्तरीय बैठक की थी. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप- ओमीक्रोन वेरिएंट का पहली बार पता चला था. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए.

ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने की जरूरत पर बल दिया था. देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी.

यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन की खोज कैसे हुई, अब तक उपलब्ध जानकारी

लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई.

Last Updated : Dec 2, 2021, 1:27 PM IST
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