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महामारी खत्म नहीं हुई है, कुछ राज्यों को बढ़ते मामलों से सावधान रहने की जरूरत: मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा है कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है. इससे सतर्क रहने की जरूरत है. उक्त बातें उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कही.

Union Health Minister Mansukh Mandaviya
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया
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Published : Jun 13, 2022, 7:20 PM IST

नई दिल्ली : कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और सतर्क रहने तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत है. मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निगरानी जारी रखने और देश में वायरस के नए स्वरूपों की पहचान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने हर घर दस्तक 2.0 अभियान के तहत टीकाकरण कवायद की प्रगति की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

कुछ जिलों और राज्यों में बढ़ी हुई संक्रमण दर और कोविड-19 जांच में कमी पर प्रकाश डालते हुए मंडाविया ने कहा कि समय पर परीक्षण से मामलों की शीघ्र पहचान हो सकेगी और समुदाय में संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी. मंत्री ने कहा कि जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच-स्तरीय रणनीति को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी रखने और निगरानी करने की आवश्यकता है.

कमजोर आयु समूहों के बीच कोविड​​-19 रोधी टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से महीने भर आयोजित होने वाले विशेष अभियान- हर घर दस्तक 2.0 कार्यक्रम की स्थिति और प्रगति की समीक्षा करने का आग्रह किया. यह अभियान एक जून से शुरू हुआ था. मांडविया ने कहा, 'पहली और दूसरी खुराक के लिए 12-17 आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है ताकि वे टीके से मिली सुरक्षा के साथ स्कूलों में जा सकें.'

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बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से स्कूल-आधारित अभियानों के माध्यम से 12-17 आयु वर्ग पर ध्यान दिए जाने के साथ-साथ स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के लिए भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान टीकाकरण कवरेज पर जोर देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु का जनसंख्या समूह एक संवेदनशील श्रेणी है और इसे एहतियाती खुराक के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता है. मांडविया ने कहा, 'हमारे स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कमजोर आबादी को एहतियाती खुराक दी जाए.'

बयान में कहा गया है कि राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से निजी अस्पतालों के साथ 18-59 आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक प्रदान किए जाने की नियमित रूप से समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों में सपम रंजन सिंह (मणिपुर), आलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), थन्नीरू हरीश राव (तेलंगाना), अनिल विज (हरियाणा), ऋषिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), बन्ना गुप्ता (झारखंड), मंगल पांडे (बिहार), राजेश टोपे (महाराष्ट्र), प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) और के सुधाकर (कर्नाटक) बैठक में उपस्थित थे.

नई दिल्ली : कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और सतर्क रहने तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत है. मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निगरानी जारी रखने और देश में वायरस के नए स्वरूपों की पहचान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने हर घर दस्तक 2.0 अभियान के तहत टीकाकरण कवायद की प्रगति की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

कुछ जिलों और राज्यों में बढ़ी हुई संक्रमण दर और कोविड-19 जांच में कमी पर प्रकाश डालते हुए मंडाविया ने कहा कि समय पर परीक्षण से मामलों की शीघ्र पहचान हो सकेगी और समुदाय में संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी. मंत्री ने कहा कि जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के पालन की पांच-स्तरीय रणनीति को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा जारी रखने और निगरानी करने की आवश्यकता है.

कमजोर आयु समूहों के बीच कोविड​​-19 रोधी टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से महीने भर आयोजित होने वाले विशेष अभियान- हर घर दस्तक 2.0 कार्यक्रम की स्थिति और प्रगति की समीक्षा करने का आग्रह किया. यह अभियान एक जून से शुरू हुआ था. मांडविया ने कहा, 'पहली और दूसरी खुराक के लिए 12-17 आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है ताकि वे टीके से मिली सुरक्षा के साथ स्कूलों में जा सकें.'

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बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से स्कूल-आधारित अभियानों के माध्यम से 12-17 आयु वर्ग पर ध्यान दिए जाने के साथ-साथ स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों के लिए भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान टीकाकरण कवरेज पर जोर देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु का जनसंख्या समूह एक संवेदनशील श्रेणी है और इसे एहतियाती खुराक के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता है. मांडविया ने कहा, 'हमारे स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कमजोर आबादी को एहतियाती खुराक दी जाए.'

बयान में कहा गया है कि राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से निजी अस्पतालों के साथ 18-59 आयु वर्ग के लिए एहतियाती खुराक प्रदान किए जाने की नियमित रूप से समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों में सपम रंजन सिंह (मणिपुर), आलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), थन्नीरू हरीश राव (तेलंगाना), अनिल विज (हरियाणा), ऋषिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), बन्ना गुप्ता (झारखंड), मंगल पांडे (बिहार), राजेश टोपे (महाराष्ट्र), प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश) और के सुधाकर (कर्नाटक) बैठक में उपस्थित थे.

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