नई दिल्ली: भारत में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 752 नए मामले दर्ज किए गए और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,420 हो गई है. देश में 21 मई 2023 के बाद से एक दिन में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के ये सबसे अधिक मामले हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक सामने आए कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 4.50 करोड़ (4,50,07,964) है.
देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से चार लोगों की मौत होने के कारण इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,33,332 हो गई है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में केरल में दो तथा राजस्थान और कर्नाटक में कोविड-19 से एक-एक मरीज की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,71,212 हो गई है.
स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है, वहीं मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय के अनुसार, देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं. कोविड का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ गया है. देश के कई राज्यों में कोरोना के नए केस सामने आए हैं. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकारों ने चिकित्सा सुविधा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
तेलंगाना में निमोनिया पीड़ित दो महीने की लड़की और 14 महीने के लड़के में मिला कोरोना
तेलंगाना में निमोनिया के लक्षण के साथ अस्पतालों में भर्ती होने वाले बच्चों में कोरोना की समस्या सामने आ रही है. हाल ही में एक 14 महीने के बच्चे को निमोनिया के लक्षणों के कारण हैदराबाद के निलोफर में भर्ती कराया गया था. जब कोरोना वायरस का टेस्ट किया गया तो इस वायरस का पता चला. इसके साथ ही डॉक्टरों ने निमोनिया और अन्य सांस संबंधी बीमारियों के साथ आने वाले सभी बच्चों का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला किया है. फिलहाल नीलोफर में निमोनिया से पीड़ित 83 बच्चों का इलाज चल रहा है. इन सभी की कोरोना जांच कराई जाएगी. बच्चे और बुजुर्ग लोग निमोनिया से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि पूरे ग्रेटर हैदराबाद में तापमान न्यूनतम स्तर पर दर्ज किया गया है और कुछ क्षेत्रों में यह 10 डिग्री से भी कम है. एक साल से कम उम्र के बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. वायरल निमोनिया 3-4 सप्ताह के भीतर कम हो जाता है.
इस संबंध में नीलोफर अस्पताल अधीक्षक डॉ. उषारानी ने कहा कि निमोनिया आमतौर पर दो साल से कम उम्र के बच्चों, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और अस्पताल में भर्ती और लंबे समय तक आईसीयू में वेंटिलेटर पर रहने वाले लोगों को प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि 'कोरोना के साथ-साथ निमोनिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए उचित सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि नवीनतम कोरोना वायरस वैरिएंट JN.1 से कोई खतरा नहीं है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सावधान रहना चाहिए.
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर पंजाब का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य
पंजाब में कोरोना वायरस के नए रूप जेएन.1 को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट किया है कि कोरोना वायरस का यह नया रूप पंजाब में खतरनाक तरीके से फैल सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अलर्ट के बाद पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए राज्यवासियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी निर्देश जारी किए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक अब भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा. इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क पहनना होगा. साथ ही मरीजों और उनके परिजनों को भी मास्क पहनना होगा और अन्य सावधानियों का पालन करना होगा. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने छींकते समय नाक और मुंह को रुमाल या कोहनी से ढकने की सलाह दी है.