नई दिल्ली : विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने गुरुवार ने दोहराया कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से निपटने के लिए भारत वैश्विक स्तर पर इसके खिलाफ खड़ी ताकतों की क्षमता बढ़ाने का सहभागी बनेगा, जो आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहद आवश्यक है.
विदेश सचिव विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ब्लैक स्वान इवेंट (Black Swan Event) के साथ प्रयास करने और उसका सामना करने के लिए हमें नई क्षमताओं की जरूरत है. हमें महामारी कूटनीति (Pandemic Diplomacy) को परावर्तित करने की भी आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा, महामारी से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर कई संगठनों में इस पर विचार किया जा रहा है, जिसमें जी 7, जी 20, क्वाड, ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट समेत डब्ल्यूएचओ खुद इस पर चर्चा कर रहा है.
अधिकार प्राप्त समूह की वैश्विक शाखा
भारत द्वारा महामारी के खिलाफ की गई पहल पर बोलते हुए विदेश सचिव ने कहा, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कोविड-19 के लिए आवश्यक कच्चे माल और चिकित्सा आपूर्ति की खरीद के लिए भारत सरकार ने अधिकार प्राप्त समूह की वैश्विक शाखा के रूप में काम किया.
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टीकों की सोर्सिंग
उन्होंने यह भी कहा कि भारत फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना (Moderna) जैसे प्रमुख वैक्सीन निर्माताओं के साथ देश में अपने टीकों के सोर्सिंग और संभावित स्थानीय निर्माण के बारे में चर्चा का एक हिस्सा भी रहा है.
75 वर्चुअल द्विपक्षीय बैठकें
उन्होंने कहा, 'हमने महामारी के दौरान तेजी से वर्चुअल डिप्लोमेसी को अपनाया है. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में 12 से अधिक वर्चुअल शिखर सम्मेलन और 75 वर्चुअल द्विपक्षीय बैठकें की हैं. विदेश मंत्री ने इस पर कई बैठकें और कार्यक्रम आयोजित कर चर्चा की है.
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डब्ल्यूएचओ की मंजूरी का इंतजार
विदेश सचिव ने आगे कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन में कई अन्य देशों के साथ ट्रिप्स (TRIPS) के तहत लक्षित और अस्थायी छूट पर काम कर रहा है, ताकि सभी के लिए टीकों की समय पर और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित हो सके. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हम भारत बायोटेक द्वारा निर्मित भारत की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं.
(एएनआई)