नई दिल्ली: केरल में आठ दिसंबर को कोविड-19 के उप-स्वरूप जेएन.1 का एक मामला सामने आया है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 79 वर्षीय महिला के सैंपल की 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर जांच की गई थी, जो संक्रमित पाया गया. महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से उबर चुकी है.
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COVID-19 | A case of JN.1, a subvariant of COVID19, found in Kerala as part of the ongoing routine surveillance by INSACOG. Mock Drill being held in all health facilities in States as part of the regular exercise of Union Health Ministry to assess their public health and hospital… pic.twitter.com/11rcmsox4M
— ANI (@ANI) December 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 16, 2023COVID-19 | A case of JN.1, a subvariant of COVID19, found in Kerala as part of the ongoing routine surveillance by INSACOG. Mock Drill being held in all health facilities in States as part of the regular exercise of Union Health Ministry to assess their public health and hospital… pic.twitter.com/11rcmsox4M
— ANI (@ANI) December 16, 2023
सूत्रों ने बताया कि देश में कोविड-19 के वर्तमान में 90 प्रतिशत से अधिक मामले गंभीर नहीं हैं और संक्रमित लोग अपने घरों में ही पृथक-वास में रह रहे हैं. इससे पहले, सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में जेएन.1 संक्रमण का पता चला था. यह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का मूल निवासी है और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी.
तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु के अन्य स्थानों में जेएन.1 से संक्रमण के मामले सामने आने के बावजूद मामलों में वृद्धि दर्ज नहीं हुई. सूत्र ने कहा, 'भारत में जेएन.1 स्वरूप का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है.'
कोविड-19 के उप-स्वरूप जेएन.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी. कई देशों फैला यह संक्रमण पिरोलो स्वरूप (बीए.2.86) से संबंधित है. एक सूत्र ने बताया कि इसमें विशेष रूप से स्पाइक प्रोटीन में महत्वपूर्ण संख्या में अद्वितीय उत्परिवर्तन शामिल हैं, जो संक्रमण बढ़ा सकते हैं. सूत्र ने कहा कि हालांकि, प्रारंभिक डेटा से पता चलता है कि अद्यतन टीके और उपचार अभी भी JN.1 सबस्ट्रेन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेंगे.
कर्नाटक सरकार अस्पतालों में 'मॉक ड्रिल' आयोजित करेगी : पड़ोसी राज्य केरल में कोविड-19 के मामले सामने आने की खबरों से चिंतित कर्नाटक सरकार ने राज्य में महामारी के दोबारा फैलने की स्थिति में तैयारियों की जांच करने के लिए अस्पतालों में 'मॉक ड्रिल' करने का फैसला किया है.
सरकार ने मंगलवार को कोविड-19 पर तकनीकी सलाहकार समिति भी बुलाई है. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, 'आज हमने अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जहां कर्नाटक चिकित्सा आपूर्ति निगम के माध्यम से जांच किट खरीदने के निर्देश जारी किए गए. हमने अधिकारियों से जांच किट खरीदने के लिए कहा है, जिसमें आरटी-पीसीआर जांच, रैपिड एंटीजन टेस्ट और वीटीएम (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम) शामिल हैं.'
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सभी अस्पतालों में 'मॉक ड्रिल' आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि यह जांच की जा सके कि आईसीयू बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं सहित कितने बेड हैं.
राव ने कहा, 'मैंने अधिकारियों को तैयार रहने के लिए कहा है. हालांकि, स्थिति ऐसी (खतरनाक) नहीं है और हमें उस तरह से नहीं सोचना चाहिए. अगर (कोविड-19 महामारी जैसी) स्थिति दोबारा आती है, तो हमें तैयार रहना चाहिए. किसी तरह की कमी की स्थिति में इसे अभी ही ठीक किया जाना चाहिए.'