नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि उसने एक कोष का निर्माण किया है, जिसमें उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में विफल रहने पर अदालत की अवमानना के लिए जुर्माना जमा कराया जा सकता है. कुछ दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि उन्हें अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में सूचना प्रकाशित करनी होगी.
इसने राजनीतिक दलों से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आयोग को निर्देश दिया है कि हर मतदाता को उसके अधिकार के बारे में अवगत कराने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाए और चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में सूचना मुहैया कराई जाए.
इस उद्देश्य के लिए चार हफ्ते के अंदर एक कोष का निर्माण किया जाना था.
निर्वाचन आयोग को एक अलग प्रकोष्ठ बनाने का भी निर्देश दिया गया था जो अनुपालन पर नजर रखेगा ताकि अदालत को किसी भी दल द्वारा निर्देश के पालन नहीं करने के बारे में तुरंत सूचित किया जा सके.
अदालत ने कहा था कि अगर कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग के पास अनुपालन रिपोर्ट पेश नहीं करता है तो निर्वाचन आयोग इस तरह का मामला अदालत के संज्ञान में लाएगा जिसे काफी गंभीरता से लिया जाएगा.
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उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के आलोक में 26 अगस्त को भेजे गए पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसने एक 'कोष' का निर्माण किया है जिसमें अदालत की अवमानना के लिए जुर्माना जमा किया जा सकता है.
इसने जुर्माना भरने के लिए बैंक खाते का ब्यौरा भी दिया है.
उच्चतम न्यायालय ने दस अगस्त को कहा था कि राजनीतिक दलों को उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में अपनी वेबसाइट के होमपेज पर सूचना प्रकाशित करनी होगी.