सोलन: हिमाचल भाजपा कार्यसमिति के सदस्य व विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दौड़ में शामिल तरसेम भारती को कंडाघाट कोर्ट ने 18 महीने की सजा सुनाई (Court sentenced BJP leader in Solan) है. अदालत के फैसले के बाद तरसेम भारती के राजनीतिक करियर पर सवालिया निशान लग गया है. बता दें कि इन दिनों सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी.
बता दें कि मामला 8 साल पहले का है. 15 अक्टूबर 2014 को वाकनाघाट में ग्रामीण दाह संस्कार के लिए शव यात्रा को हालड्ड वाला श्मशान घाट में ले जा रहे थे. जब शव यात्रा स्टोन क्रशर के नीचे से गुजर रही थी तो इस दौरान ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरना शुरू हो गए.
ग्रामीणों ने मौके पर लगी पोकलेन मशीन के ऑपरेटर को कुछ देर काम रोकने का आग्रह किया, लेकिन उसने काम जारी रखा. जिसके चलते बडे़ पत्थर नीचे की और गिरने लगे. भगदड़ के कारण शवयात्रा में शामिल 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हुए थे. घटना के बाद स्टोन क्रशर के मालिक तरसेम भारती व पोकलेन ऑपरेटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए, 336 व 337 के तहत मुकदमा दायर हुआ था. 8 साल की कानूनी जंग के बाद मंगलवार को कंडाघाट की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) ने अपना फैसला सुनाया.
तरसेम भारती को लापरवाही से 2 लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए अदालत ने 18 माह की सजा का फैसला सुनाया. तरसेम भारती भाजपा में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वहीं, आगामी विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections 2022) में भाजपा के टिकट की दौड़ में भी शामिल हैं. अब देखना होगा कि अदालत के फैसले के बाद अगला कदम उनका क्या होगा.
तरसेम भारती दलित नेता हैं और इस बार सोलन विधानसभा सीट (solan assembly seat) से उनकी दावेदारी मानी जा रही थी. तरसेम भारती ने एचपीयू से पढ़ाई की है और इसी दौरान वो छात्र राजनीति में एक्टिव रहे. इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुए और साल 2007 में शिमला की कसुम्पटी सीट से चुनाव लड़ा था, 1998 में भी वो हिमाचल विकास कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे. दोनों बार चुनाव हारने के बावजूद वो हिमाचल बीजेपी संगठन में विभिन्न पदों पर रहे हैं. फिलहाल वो राज्य कार्यसमिति के सदस्य थे और आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट के प्रबल दावेदार भी माने जा रहे थे.
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