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उतरौला दंगा मामलाः दो पूर्व चेयरमैन समेत 41 लोगों को 5-5 साल की सजा - साम्प्रदायिक दंगा मामले

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में 17 साल पहले हुए साम्प्रदायिक दंगा मामले में 41 दोषियों को सत्र न्यायालय ने किया 5 -5 साल सजा व 14500 जुर्माना की सजा सुनाई है.

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Published : Nov 1, 2022, 7:20 AM IST

बलरामपुरः जिला एवं सत्र न्यायालय की अपर जिला जज की अदालत ने सोमवार को 17 वर्ष पूर्व उतरौला कस्बे में हुए साम्प्रदायिक दंगे में उतरौला नगर पालिका परिषद के दो पूर्व चेयरमैन सहित 41 लोगों को दोषी करार देते हुए 5 - 5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों में 39 को जेल भेज दिया गया है. जबकि 1 आरोपी फरार चल रहा है और एक दोषी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि 18 को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने सभी दोषियों पर 14 हजार 500 का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर दोषियों को दो साल का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा. दोषियों में असलम फरार चल रहा है, जबकि अमर चन्द्र की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गौरतलब है कि 26 मार्च 2005 को उतरौला क्षेत्र में होली के जुलूस निकलने के दौरान सांप्रदायिक हिंसा आगजनी हुई थी. जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा दोनों पक्षों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. पूरे मामले में पुलिस द्वारा 65 अभियुक्तों को नामित करते हुए चार्जशीट न्यायालय पर फाइल की गई थी. 17 साल बाद एडीजे कोर्ट द्वारा मामले में 41 लोगों को दोषी पाया है जिनमें 39 आरोपी शारदा प्रसाद, रक्षाराम, नंदलाल, सुरेश, राजेंद्र, सुनील कुमार, कपिल कुमार, राजेश, दुर्गेश, नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ व अनूप गुप्त, रामजी गुप्त, विश्वनाथ गुप्त, कौशल कुमार, ओमप्रकाश, दिलीप, बच्चू मिस्त्री, अददू तववाब, मुश्तफा, ध्रुव कुमार, नाजिम, सतीश गुप्त, नसरुद्दीन, शब्बीर अहमद, आमिर कबाड़िया, ताहिद अली, जहांगीर, कमालुद्दीन, इबरार, सईद, कैफ, जमाल अहमद, मोहम्मद हारुन, एजाज अहमद, अतुल कुमार, अरुण कुमार, असमय, राजेश उर्फ छोटू, सुमेर चंद्र गुप्त हाज़िर अदालत आए हुए थे. जिन्हें न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जेल भेजे गए अभियुक्तों में उतरौला के दो पूर्व चेयरमैन अमरनाथ गुप्ता और अनूप गुप्ता भी शामिल हैं. जेल भेजे गए दंगे के दोषियों में कुछ भाजपा और सपा नेता भी शामिल है, जो आगामी नगर पालिका परिषद उतरौला के चेयरमैन पद के दावेदार थे.

उतरौला में दंगा भड़काने के मामले में सोमवार को न्यायालय में सजा सुनाए जाने की तिथि निर्धारित थी. शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी ने बताया कि 20 अक्टूबर को सभी आरोपियों को न्यायालय ने दोष सिद्ध किया था. जिसमें से पांच आरोपी अरुण कुमार, असलम, अतुल कुमार, सुमेरचंद व राजेश उर्फ छोटू न्यायालय पर उपस्थित नहीं हुए थे. न्यायालय ने इन सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए कुर्की की कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था. सोमवार को सजा सुनाए जाने की तिथि से पहले इनमें से चार आरोपी न्यायालय पर उपस्थित हो गए थे. एक आरोपी असलम सजा सुनाए जाने की तिथि पर भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ. जिसके खिलाफ न्यायालय के आदेश पर गैर जमानती वारंट एवं कुर्की की कार्रवाई की गई है.

यह भी पढ़ें: बलरामपुरः 5 किलो का ट्यूमर निकाल गरीब मरीज को दी नई जिंदगी

बलरामपुरः जिला एवं सत्र न्यायालय की अपर जिला जज की अदालत ने सोमवार को 17 वर्ष पूर्व उतरौला कस्बे में हुए साम्प्रदायिक दंगे में उतरौला नगर पालिका परिषद के दो पूर्व चेयरमैन सहित 41 लोगों को दोषी करार देते हुए 5 - 5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों में 39 को जेल भेज दिया गया है. जबकि 1 आरोपी फरार चल रहा है और एक दोषी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि 18 को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने सभी दोषियों पर 14 हजार 500 का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर दोषियों को दो साल का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा. दोषियों में असलम फरार चल रहा है, जबकि अमर चन्द्र की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गौरतलब है कि 26 मार्च 2005 को उतरौला क्षेत्र में होली के जुलूस निकलने के दौरान सांप्रदायिक हिंसा आगजनी हुई थी. जिसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा दोनों पक्षों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. पूरे मामले में पुलिस द्वारा 65 अभियुक्तों को नामित करते हुए चार्जशीट न्यायालय पर फाइल की गई थी. 17 साल बाद एडीजे कोर्ट द्वारा मामले में 41 लोगों को दोषी पाया है जिनमें 39 आरोपी शारदा प्रसाद, रक्षाराम, नंदलाल, सुरेश, राजेंद्र, सुनील कुमार, कपिल कुमार, राजेश, दुर्गेश, नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ व अनूप गुप्त, रामजी गुप्त, विश्वनाथ गुप्त, कौशल कुमार, ओमप्रकाश, दिलीप, बच्चू मिस्त्री, अददू तववाब, मुश्तफा, ध्रुव कुमार, नाजिम, सतीश गुप्त, नसरुद्दीन, शब्बीर अहमद, आमिर कबाड़िया, ताहिद अली, जहांगीर, कमालुद्दीन, इबरार, सईद, कैफ, जमाल अहमद, मोहम्मद हारुन, एजाज अहमद, अतुल कुमार, अरुण कुमार, असमय, राजेश उर्फ छोटू, सुमेर चंद्र गुप्त हाज़िर अदालत आए हुए थे. जिन्हें न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जेल भेजे गए अभियुक्तों में उतरौला के दो पूर्व चेयरमैन अमरनाथ गुप्ता और अनूप गुप्ता भी शामिल हैं. जेल भेजे गए दंगे के दोषियों में कुछ भाजपा और सपा नेता भी शामिल है, जो आगामी नगर पालिका परिषद उतरौला के चेयरमैन पद के दावेदार थे.

उतरौला में दंगा भड़काने के मामले में सोमवार को न्यायालय में सजा सुनाए जाने की तिथि निर्धारित थी. शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी ने बताया कि 20 अक्टूबर को सभी आरोपियों को न्यायालय ने दोष सिद्ध किया था. जिसमें से पांच आरोपी अरुण कुमार, असलम, अतुल कुमार, सुमेरचंद व राजेश उर्फ छोटू न्यायालय पर उपस्थित नहीं हुए थे. न्यायालय ने इन सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए कुर्की की कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था. सोमवार को सजा सुनाए जाने की तिथि से पहले इनमें से चार आरोपी न्यायालय पर उपस्थित हो गए थे. एक आरोपी असलम सजा सुनाए जाने की तिथि पर भी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ. जिसके खिलाफ न्यायालय के आदेश पर गैर जमानती वारंट एवं कुर्की की कार्रवाई की गई है.

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