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नारदा केस: कोर्ट ने CBI के अनुरोध को किया अस्वीकार

उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए एसएलपी अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुआ है.

नारदा केस
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Published : May 25, 2021, 7:06 AM IST

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को नारदा स्टिंग टेप मामले में सुनवाई की जिसमें बंगाल के दो मंत्री, टीमएसी (तृणमूल कांग्रेस) के एक विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित करने के सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया.

डिजिटल सुनवाई के दौरान सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के सोलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आग्रह किया कि मामले में सुनवाई स्थगित की जाए, क्योंकि एजेंसी ने उच्च न्यायालय के 19 और 21 मई के आदेशों के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है.

पढ़ें- क्या पुनर्जीवित होगी पश्चिम बंगाल में विधान परिषद?

बहरहाल, उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए एसएलपी अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुआ है.

उन्होंने मामले को निचली अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई की और साथ ही आरोपियों की याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को हटाने का आग्रह किया है.

सीबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष असाधारण स्थितियों का हवाला देते हुए मामले को स्थानांतरित करने का आग्रह किया.

एजेंसी ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर में धरने पर बैठीं और कार्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में उग्र भीड़ के प्रदर्शन के कारण वह चारों आरोपियों को अदालत में सशरीर पेश नहीं कर पाई.

पढ़ें- टूलकिट मामले की जांच करने ट्विटर के दफ्तर पहुंची पुलिस

चारों नेता फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी, टीमएसी के विधायक मदन मित्रा व महानगर के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को सीबीआई ने 17 मई की सुबह गिरफ्तार किया था. सीबीआई उच्च न्यायालय के आदेश पर नारदा स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही है.

सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को उसी दिन अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बाद में इस निर्णय पर रोक लगा दी. जिसके बाद नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

सुब्रत मुखर्जी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मणिशंकर चटर्जी ने कहा, उच्च न्यायालय में जिन मुद्दों पर सुनवाई होगी उसे सोमवार को पांच न्यायाधीशों की पीठ ने नोट किया. उन्होंने कहा कि पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख बुधवार तय की है.

(पीटीआई)

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को नारदा स्टिंग टेप मामले में सुनवाई की जिसमें बंगाल के दो मंत्री, टीमएसी (तृणमूल कांग्रेस) के एक विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित करने के सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया.

डिजिटल सुनवाई के दौरान सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के सोलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आग्रह किया कि मामले में सुनवाई स्थगित की जाए, क्योंकि एजेंसी ने उच्च न्यायालय के 19 और 21 मई के आदेशों के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है.

पढ़ें- क्या पुनर्जीवित होगी पश्चिम बंगाल में विधान परिषद?

बहरहाल, उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए एसएलपी अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुआ है.

उन्होंने मामले को निचली अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई की और साथ ही आरोपियों की याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को हटाने का आग्रह किया है.

सीबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष असाधारण स्थितियों का हवाला देते हुए मामले को स्थानांतरित करने का आग्रह किया.

एजेंसी ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर में धरने पर बैठीं और कार्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में उग्र भीड़ के प्रदर्शन के कारण वह चारों आरोपियों को अदालत में सशरीर पेश नहीं कर पाई.

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चारों नेता फरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी, टीमएसी के विधायक मदन मित्रा व महानगर के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को सीबीआई ने 17 मई की सुबह गिरफ्तार किया था. सीबीआई उच्च न्यायालय के आदेश पर नारदा स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही है.

सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को उसी दिन अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बाद में इस निर्णय पर रोक लगा दी. जिसके बाद नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

सुब्रत मुखर्जी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मणिशंकर चटर्जी ने कहा, उच्च न्यायालय में जिन मुद्दों पर सुनवाई होगी उसे सोमवार को पांच न्यायाधीशों की पीठ ने नोट किया. उन्होंने कहा कि पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख बुधवार तय की है.

(पीटीआई)

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