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दो सैन्य कमांडरों के बीच मतभेद मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश - Court of Inquiry ordered to examine

भारतीय सेना ने अपने दो कमांडरों के बीच मतभेदों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया है. हालांकि, इससे पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सेना के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के बीच दरार को दूर करने की जिम्मेदारी तत्कालीन उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी को दी थी, लेकिन सैनी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए. ऐसे में आगे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं.

भारतीय सेना
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Published : Feb 4, 2021, 10:27 AM IST

जयपुर. भारतीय सेना में जयपुर में सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान में तैनात दो वरिष्ठ जनरलों के बीच कई महीने से चल रहे लंबे विवाद के बाद अब आर्मी ने इस मामले की जांच करने के लिए कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दिया है. विवाद दक्षिण पश्चिमी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर और उनके उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल के बीच है.

दरअसल जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिमी कमान के प्रमुख और उनके चीफ ऑफ स्टाफ के बीच कमांड मुख्यालय में अलग-अलग कार्यालयों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को लेकर मतभेद सामने आए थे. लेफ्टिनेंट जनरल केलर एक कोर अधिकारी हैं, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवल एक इंजीनियर हैं.

जानकारी के अनुसार दोनों वरिष्ठ जनरलों ने भारतीय सेना प्रमुख को एक दूसरे के बारे में शिकायत करते हुए पत्र लिखे थे. ऐसे में अब इस मामले की जांच का आदेश नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय की ओर से दिया गया है. केंद्रीय सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमान इस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को देखेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमान दोनों सेना अधिकारियों से वरिष्ठ हैं.

यह भी पढ़ेंः रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा मेक इन इंडिया करार, HAL से 83 तेजस लड़ाकू विमान खरीदेगी सरकार

सेना के सूत्रों के अनुसार कोर्ट आफ इंक्वायरी के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि दोनों प्रमुख अधिकारियों के विवाद के चलते दक्षिण पश्चिमी कमान का कामकाज कैसे प्रभावित हुआ है. दोनों अधिकारियों के बीच झगड़ा कई महीनों से चल रहा है और पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी की देखरेख में सेना मुख्यालय की ओर से पहले ही इस मामले की प्रारंभिक जांच-पड़ताल का आदेश दिया जा चुका है.

तत्कालीन वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी इस मामले के समाधान खोजने के लिए जयपुर आए थे. सितंबर में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना ने तत्कालीन उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी से इस मुद्दे पर जानकारी ली थी, लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल सैनी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए हैं. ऐसे में आगे की जांच के लिए आर्मी ने कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल केलर और लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवल दोनों ही सैन्य परिवारों से संबंधित हैं. लेफ्टिनेंट जनरल केलर को जून 1982 में आर्मड कोर में नियुक्त किया गया था. उन्होंने आर्मड रेजिमेंट की कमान संभाली और पश्चिमी सेक्टर में ब्रिगेड की कमान संभाली. लेफ्टिनेंट जनरल केलर मार्च में सेवानिवृत्ति होने जा रहे हैं, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवाल को कोलकाता-मुख्यालय पूर्वी कमान में स्थानांतरित किया जा रहा है.

जयपुर. भारतीय सेना में जयपुर में सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान में तैनात दो वरिष्ठ जनरलों के बीच कई महीने से चल रहे लंबे विवाद के बाद अब आर्मी ने इस मामले की जांच करने के लिए कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश दिया है. विवाद दक्षिण पश्चिमी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर और उनके उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल के बीच है.

दरअसल जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिमी कमान के प्रमुख और उनके चीफ ऑफ स्टाफ के बीच कमांड मुख्यालय में अलग-अलग कार्यालयों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को लेकर मतभेद सामने आए थे. लेफ्टिनेंट जनरल केलर एक कोर अधिकारी हैं, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवल एक इंजीनियर हैं.

जानकारी के अनुसार दोनों वरिष्ठ जनरलों ने भारतीय सेना प्रमुख को एक दूसरे के बारे में शिकायत करते हुए पत्र लिखे थे. ऐसे में अब इस मामले की जांच का आदेश नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय की ओर से दिया गया है. केंद्रीय सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमान इस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को देखेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल आईएस घुमान दोनों सेना अधिकारियों से वरिष्ठ हैं.

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सेना के सूत्रों के अनुसार कोर्ट आफ इंक्वायरी के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि दोनों प्रमुख अधिकारियों के विवाद के चलते दक्षिण पश्चिमी कमान का कामकाज कैसे प्रभावित हुआ है. दोनों अधिकारियों के बीच झगड़ा कई महीनों से चल रहा है और पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी की देखरेख में सेना मुख्यालय की ओर से पहले ही इस मामले की प्रारंभिक जांच-पड़ताल का आदेश दिया जा चुका है.

तत्कालीन वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी इस मामले के समाधान खोजने के लिए जयपुर आए थे. सितंबर में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना ने तत्कालीन उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी से इस मुद्दे पर जानकारी ली थी, लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल सैनी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए हैं. ऐसे में आगे की जांच के लिए आर्मी ने कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल केलर और लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवल दोनों ही सैन्य परिवारों से संबंधित हैं. लेफ्टिनेंट जनरल केलर को जून 1982 में आर्मड कोर में नियुक्त किया गया था. उन्होंने आर्मड रेजिमेंट की कमान संभाली और पश्चिमी सेक्टर में ब्रिगेड की कमान संभाली. लेफ्टिनेंट जनरल केलर मार्च में सेवानिवृत्ति होने जा रहे हैं, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल रेप्सवाल को कोलकाता-मुख्यालय पूर्वी कमान में स्थानांतरित किया जा रहा है.

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