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गणतंत्र दिवस हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

लाल किले पर हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गैंगस्टर लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

लक्खा सिधाना
लक्खा सिधाना
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Published : Jun 26, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गणतंत्र दिवस पर यहां लाल किले पर हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के सिलसिले में गैंगस्टर लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारी लाल किले में घुसे गए थे और उसके गुंबदों पर धार्मिक ध्वज फहरा दिया था.

गिरफ्तारी के डर से, सिधाना ने मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए दिल्ली की तीस हजारी अदालत का रुख किया था. सिधाना के वकील ने कहा कि इस घटना में उसकी कोई भूमिका नहीं है.

पढ़ें :- गणतंत्र दिवस हिंसा: सिद्धू समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने मामले को तीन जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया और पुलिस को तब तक उसे गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया.

सिधाना ने गणतंत्र दिवस हिंसा में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था. पंजाब में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है और वह कई बार जेल भी गया था. सिधाना ने 2012 में राज्य विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गणतंत्र दिवस पर यहां लाल किले पर हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के सिलसिले में गैंगस्टर लक्खा सिधाना को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की.

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारी लाल किले में घुसे गए थे और उसके गुंबदों पर धार्मिक ध्वज फहरा दिया था.

गिरफ्तारी के डर से, सिधाना ने मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए दिल्ली की तीस हजारी अदालत का रुख किया था. सिधाना के वकील ने कहा कि इस घटना में उसकी कोई भूमिका नहीं है.

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने मामले को तीन जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया और पुलिस को तब तक उसे गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया.

सिधाना ने गणतंत्र दिवस हिंसा में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था. पंजाब में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है और वह कई बार जेल भी गया था. सिधाना ने 2012 में राज्य विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था.

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