नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई से जुड़े मामले में आज राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 22 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है. उल्लेखनीय है कि राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिस पर पिछले दो महीने से सुनवाई जारी है.
सुप्रीम कोर्ट में भी सिसोदिया की जमानत याचिका का ईडी और सीबीआई ने कई दलीलों के साथ विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की दलिलें सुनने के बाद टिप्पणी की थी कि अगर पूरे घोटाले से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है तो आम आदमी पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब ईडी आम आदमी पार्टी को भी मनी लॉन्डरिंग मामले में आरोपी बनाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर चर्चा तेज है. लोगों का मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी को मनी लॉन्डरिंग मामले में आरोपी बनाया जाता है तो इससे पार्टी के नेतृत्व और संगठन दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
बता दें कि मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद तिहाड़ जेल से 9 मार्च को ईडी ने भी सिसोदिया को गिरफ्तार किया था तभी से ईडी और सीबीआई दोनों के मामलों में सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं. इस दौरान उनके जमानत के लिए निचली अदालत से लेकर ऊपरी अदालत तक याचिकाए दायर करने का सिलसिला जारी है. आबकारी घोटाले में से कई आरोपितों को जमानत मिल चुकी है लेकिन सिसोदिया को अभी ज़मानत मिलना बाकि है.
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