मुंबई : पुणे में एक भूखंड की खरीद में कथित अनियमितता से जुड़े धन शोधन के मामले में यहां की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी की हिरासत की अवधि को 19 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. गिरीश चौधरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं.
ईडी ने गिरीश चौधरी को इस मामले में लंबी पूछताछ के बाद छह जुलाई को गिरफ्तार किया था. गिरीश चौधरी की रिमांड अवधि गुरुवार तक थी. इसलिए उन्हें धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के मामलों पर सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में आगे की जांच के लिए हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है.
यह मामला 2016 में पुणे में एक कथित सरकारी जमीन से जुड़ा है. एजेंसी ने दावा किया कि चौधरी और खडसे ने पुणे के निकट एक सरकारी भूमि ₹3.75 करोड़ में खरीदी थी. जबकि आधिकारिक मूल्यांकन के मुताबिक इस जमीन की वास्तविक कीमत ₹31.01 करोड़ थी.
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प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि एकनाथ खडसे जब उस वक्त राज्य के राजस्व मंत्री थे. तब उन्होंने पद का दुरुपयोग किया और अधिकारियों पर दबाव बनाया. यह जमीन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की थी. एकनाथ खडसे ने इसी भूमि सौदे के संबंध में आरोपों का सामना करने के बाद 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के साथ ही आयकर विभाग ने भी उन्हें मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
(पीटीआई-भाषा)