मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिये कर्ज देने वाली कंपनी श्रेई समूह के दो प्रवर्तकों द्वारा उसकी दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के निदेशक मंडल को भंग करने और दिवाला कार्यवाही शुरू करने के आरबीआई के फैसले के खिलाफ दायर एक रिट याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति यू भुइयां और न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसके विस्तृत कारणों को बाद में बताया जाएगा.
अदालत ने कहा, हमने वकीलों की बात सुनी है. हम रिट याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, जिसके कारण अलग से बताए जाएंगे. रिट याचिका खारिज की जाती है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को श्रेई समूह की कंपनियों श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एसआईएफएल) और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एसईएफएल) के निदेशक मंडल को कंपनी के संचालन संबंधी चिंताओं और भुगतान चूक का हवाला देते हुए हटा दिया था.
इसके साथ ही आरबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक रजनीश शर्मा को दोनों एनबीएफसी का प्रशासक नियुक्त कर दिया. वर्ष 2019 में डीएचएफएल के मामले के बाद यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत समाधान प्रक्रिया के लिए संस्थाओं को संदर्भित किया है.
पीटीआई-भाषा