नागपुर : सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय (Army chief General Manoj Pande) ने गुरुवार को कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने की जरूरत है और देश की सुरक्षा के लिए न तो बाहर से सेवाएं ली जा सकती हैं और ना ही दूसरों की कृपा पर निर्भर रहा जा सकता.
उन्होंने आधुनिक प्रौद्योगिकीय क्षमताएं रखने की जरूरत बताते हुए कहा कि विरोधी और परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों ने और चीन के साथ देश की सीमाओं पर होने वाले घटनाक्रम ने हर समय आधुनिक, कुशल और प्रौद्योगिकी के लिहाज से सशक्त सशस्त्र बल तैयार रखने की जरूरत को रेखांकित किया है.
विश्वेसरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) नागपुर के 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर उसके छात्रों को अपने वीडियो संबोधन में जनरल पांडेय ने कहा कि भारत का सुरक्षा तंत्र विवादित सीमाओं की ऐतिहासिक चुनौतियों और साइबर, अंतरिक्ष तथा विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम के नए क्षेत्रों में उभरते खतरों के संयोजन से परिभाषित होता है.
उन्होंने कहा, 'भारत के पड़ोस में विरोधी और परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और पड़ोस का क्षेत्र अस्थिर है. गलवान घाटी के संघर्ष समेत पिछले दो साल में चीन के साथ हमारी उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम ने हर समय आधुनिक, कुशल और प्रौद्योगिकी के लिहाज से सशक्त सशस्त्र बलों को बनाकर रखने की जरूरत को रेखांकित किया है. रक्षा और सुरक्षा के लिए आयातित प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता रणनीतिक कमजोरी के रूप में उभरी है.'
उन्होंने कहा कि आज की सुरक्षा तकनीकी क्षमता पर आधारित है और कोई देश सबसे आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों को साझा नहीं करना चाह रहा. सेना प्रमुख ने कहा कि देश में बहुत कम समय में रक्षा उद्योग को समर्थन देने वाला स्टार्ट-अप का तंत्र तैयार हो गया है जो बहुत आश्वस्त करने वाला घटनाक्रम है जिसके माध्यम से आत्मनिर्भरता का दृष्टिकोण जल्द ही वास्तविक रूप लेगा. उन्होंने कहा, 'अभी लंबी दूरी तय करनी है, लेकिन हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं.'
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(पीटीआई-भाषा)