मुंबई : मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू में आ गई है. हालांकि, मुंबई में वर्षा जनित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. हालांकि, यह संख्या पिछले साल की तुलना में कम है. इस निबटने के लिए नगर पालिका का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने मुंबईवासियों से सावधानी बरतने की अपील की है. मुंबई में मानसून के आगमन के बाद से ही नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमारियों को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
हालांकि, पिछले कुछ दिनों से बारिश के कारण बीमार मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जून 2021 में मुंबई में मलेरिया के 357 मामले आए हैं. वहीं जुलाई में यह संख्या बढ़कर 557 हो गई. वहीं लेप्टोस्पायरोसिस के मरीजों की संख्या 15 से बढ़कर 37 हो गई है. इसी प्रकार डेंगू के 12 से 28, आंत्रशोथ (गैस्ट्रो) के 180 से 294 और एच1एन1 के मरीजों की संख्या 6 से बढ़कर 21 हो गई.
वहीं 2020 में, मलेरिया के 5,007 मामले सामने आए थे. वहीं इस बीमारी से एक मरीज की मौत भी हो गई थी. वहीं,लेप्टोस्पायरोसिस के 240 मामले सामने आए थे और 8 मरीजों की मौत हुई थी. इसी प्रकार डेंगू के 129 मामले, 3 की मौतें, आंत्रशोथ (गैस्ट्रो) के 2549 मामले और एच1एन1 के 44 मामले सामने आए थे.
इस साल 1 जनवरी से जुलाई के अंत तक गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कुल 2318 मामले, लेप्टोस्पायरोसिस के 96 मामले, डेंगू के 77 मामले, एच1एन1 के 28 मामले सामने आए हैं.
इनमें से एक की मरीज की मौत लेप्टोस्पायरोसिस से हो गई है. जुलाई 2020, में मलेरिया के 954 मामलों का पता चला था. हालांकि, इस साल जुलाई में मलेरिया के 557 मामले सामने आए, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है.
केईएम, नायर, सायन और कूपर, कस्तूरबा और अन्य अस्पतालों सहित सभी 16 उपनगरीय अस्पतालों में वर्षा जनित रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए बेड उपलब्ध हैं.
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नगर पालिका ने अपील की है कि सर्दी, बुखार, सिर दर्द और शरीर में दर्द जैसे लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें. इसके साथ ही घर के आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दे. घर को साफ सुथरा रखें.
नगरपालिका ने कहा कि हर साल मानसून के मौसम में लेप्टोस्पायरोसिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, पीलिया, उल्टी, डायरिया, सर्दी-बुखार-खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को खतरा है. इसलिए बरसात के मौसम में सभी को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए.