ETV Bharat / bharat

Conversion Syndicate Case: धर्मांतरण गिरोह मामले में उप्र सरकार को मौलाना सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका से अवगत कराने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार से कहा कि वह धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका से उसे अवगत कराए. मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2023, 10:30 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में सितंबर 2021 में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका से उसे अवगत कराए. शीर्ष अदालत राज्य सरकार की ओर से दायर उस याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में आदेश पारित करके भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज मामले में मौलाना सिद्दीकी को जमानत दी गई थी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद से सारिणीबद्ध तरीके से यह बताने को कहा है कि इस मामले में सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका क्या थी तथा उच्च न्यायालय के समक्ष इसने क्या तथ्य पेश किये थे. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख निर्धारित की.

उच्च न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कि मामले के दो सह-आरोपियों को पहले ही राहत दी जा चुकी है, इस वर्ष पांच अप्रैल को सिद्दीकी को जमानत दे दी थी. अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था कि सह-आरोपियों में से एक को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी थी, जबकि दूसरे को उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ ने राहत दी थी. शीर्ष अदालत के समक्ष बहस के दौरान प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि उच्च न्यायालय ने सिद्दीकी को केवल इस आधार पर जमानत दी थी कि मामले के सह-अभियुक्तों को राहत दी गई थी. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, वह (सिद्दीकी) मुख्य आरोपी एवं मुख्य साजिशकर्ता है.

ये भी पढ़ें - Bihar Caste Census : सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना पर हुई सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल ने मांगा 1 हफ्ते का वक्त

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में सितंबर 2021 में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका से उसे अवगत कराए. शीर्ष अदालत राज्य सरकार की ओर से दायर उस याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में आदेश पारित करके भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज मामले में मौलाना सिद्दीकी को जमानत दी गई थी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद से सारिणीबद्ध तरीके से यह बताने को कहा है कि इस मामले में सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका क्या थी तथा उच्च न्यायालय के समक्ष इसने क्या तथ्य पेश किये थे. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख निर्धारित की.

उच्च न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कि मामले के दो सह-आरोपियों को पहले ही राहत दी जा चुकी है, इस वर्ष पांच अप्रैल को सिद्दीकी को जमानत दे दी थी. अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था कि सह-आरोपियों में से एक को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी थी, जबकि दूसरे को उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ ने राहत दी थी. शीर्ष अदालत के समक्ष बहस के दौरान प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि उच्च न्यायालय ने सिद्दीकी को केवल इस आधार पर जमानत दी थी कि मामले के सह-अभियुक्तों को राहत दी गई थी. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, वह (सिद्दीकी) मुख्य आरोपी एवं मुख्य साजिशकर्ता है.

ये भी पढ़ें - Bihar Caste Census : सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना पर हुई सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल ने मांगा 1 हफ्ते का वक्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.