जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने अजमेर दरगाह के बाहर नारेबाजी करने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल कर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी सैयद हुसैन गौहर चिश्ती को राहत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है. वहीं, अदालत ने निचली अदालत को कहा है कि वह प्रकरण की सुनवाई जल्दी पूरी करें. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश गौहर चिश्ती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
गौहर चिश्ती की ओर से जमानत याचिका में कहा गया कि वह लंबे समय से जेल में बंद है और निचली अदालत में मामले की सुनवाई पूरी होने में समय लगने की संभावना है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भड़काऊ भाषण देकर सौहार्द बिगाड़ने का काम किया है. ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर निचली अदालत को सुनवाई जल्दी पूरी करने को कहा है.
गौरतलब है कि गौहर चिश्ती पर आरोप है कि उसने 17 जून को अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ नारे लगाए थे और उसके भाषण का वीडियो वायरल हो गया था. इसके बाद ही उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल और महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की जघन्य हत्या हुई. पुलिस ने चिश्ती के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 504, 188, 149, 143, 117 व 115 सपठित 302 के तहत मामला दर्ज किया था. बाद में पुलिस ने छापामारी कर चिश्ती को गिरफ्तार किया था.