विजयवाड़ा: अपनी मांगों के समाधान को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों पर परियोजना निदेशक श्रीनिवास राव ने विवादित टिप्पणी की है. उनकी टिप्पणी पर संविदा कर्मचारियों ने रोष व्यक्त किया है. आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में एकीकृत प्रशिक्षण कर्मचारियों के राज्य परियोजना के निदेशक के अधीन चलने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) के शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी कुछ दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं.
जानकारी के अनुसार वे अपनी न्यूनतम समयमान लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. केजीबीवी शिक्षकों की चिंताओं पर जिला स्तर के अधिकारियों के साथ समीक्षा में पीडी श्रीनिवास राव ने हड़ताल पर गए शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया. उन्होंने इस दौरान टिप्पणी की कि 'मैं हाई कोर्ट के मामलों को देखूंगा. मेरे खिलाफ कोर्ट की अवमानना के कई मामले चल रहे हैं.'
वह इतने पर ही नहीं रुके और आगे कहा कि 'जिस भी जिले में सबसे पहले जिले के अधिकारियों को हटाया जाएगा और नई नियुक्ति की जायेगी, उस जिले के अधिकारियों को सम्मानित किया जायेगा. उन्होंने टिप्पणी की कि हड़ताल पर गये शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाये बिना ही वापस भेज दिया जाये. इसके अलावा पीडी श्रीनिवास राव ने जिला स्तरीय अधिकारियों को पुराने स्टाफ को वेतन न देने और लंबित वेतन देने से बचने का भी निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि अगर प्राचार्य भी इस हड़ताल में शामिल होंगे तो उन्हें बिना कोई सूचना दिये हटा दिया जायेगा और बर्खास्तगी आदेश की प्रति जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भेज दी जायेगी. श्रीनिवास राव ने जिला स्तरीय अधिकारियों को सुझाव दिया कि कारण बताओ नोटिस देने के एक सप्ताह बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाए और अगले ही दिन नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की सूची में से मेधावी अभ्यर्थियों को नियुक्त कर उन जिलों में भेज दिया जाए.
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग मेरिट लिस्ट में हैं, वे अब भाग्यशाली हैं. इसके अलावा, एक कर्मचारी ने बताया कि श्रीनिवास राव ने टिप्पणी की कि ज्ञान की कमी के कारण वे केजीबीवी शिक्षक थे और वे कोई भी प्रतियोगी परीक्षा लिख सकते थे और जा सकते थे. शिक्षक अपना दर्द बयां कर रहे हैं कि केजीबीवी शिक्षकों के साथ इतना बुरा व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने दुख जताया कि एक उच्च पदस्थ अधिकारी मुद्दों को सुलझाने के बजाय हड़ताल को खत्म करने के लिए राजनेता की तरह धमकी दे रहा है.