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Petition Against Mamta: कलकत्ता उच्च न्यायालय में ममता के खिलाफ अवमानना याचिका दायर, मुकदमा दर्ज करने की अपील

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ममता बनर्जी ने अदालत की अवमानना की है. इस मामले में कोर्ट ने गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
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Published : Mar 15, 2023, 3:17 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 4:46 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाने वाली एक याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर की गई है. इस संबंध में न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम का ध्यान आकर्षित किया गया है और अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है. इसे देखते हुए जज ने गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने की सलाह दी है. अलीपुर कोर्ट में मंगलवार को वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री के भाषण के एक हिस्से की शिकायत की.

भट्टाचार्य ने अखबार की खबर के हवाले से मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा. कथित तौर पर, ममता बनर्जी ने कहा कि 'मुख्य न्यायाधीश यहां नहीं हैं, मैं सुब्रत से कहूंगी कि यहां कौन है, यह मेरी निजी राय है, कृपया इतनी आसानी से नौकरी न लें.' मुख्यमंत्री के भाषण के इस हिस्से समेत कई हिस्सों पर आरोप लगाए गए हैं. नौकरी रद्द करने को लेकर कई टिप्पणियों के आधार पर भट्टाचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी. गौरतलब है कि शिक्षा से जुड़े मामले में एकल पीठ के फैसले से संतुष्ट नहीं होने पर वादकारियों ने न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था.

जस्टिस तालुकदार की खंडपीठ के समक्ष ग्रुप-सी, ग्रुप-डी, प्राथमिक, नौवीं और दसवीं कक्षा के सभी मामले लंबित हैं. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय और जस्टिस बिस्वजीत बोस पिछले कुछ महीनों से ग्रुप-डी, ग्रुप-सी, 9वीं-10वीं के शिक्षकों की भर्ती समेत कई मामलों में हजारों अभ्यर्थियों को बर्खास्त कर चुके हैं. सीबीआई-ईडी की जांच में आए दिन भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अलीपुर कोर्ट में मुख्यमंत्री का बयान आसन्न पंचायत चुनाव के मद्देनजर अहम है.

पढ़ें: Shinde Vs Uddhav in SC : 'किसी भी पार्टी के भीतर मतभेद को आधार बनाकर सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाना उचित नहीं'

इससे पहले, मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की थी कि बेरोजगारों को फिर से रोजगार दिया जाएगा और इससे अदालत में बहस शुरू हो गई. अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. वकील भट्टाचार्य के मुताबिक, चूंकि वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं, इसलिए असल में वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं. इस संबंध में खंडपीठ ने वादकारियों को हलफनामे के जरिए अपने बयान देने को कहा है. इस मामले को लेकर गुरुवार को बेंच फैसला करेगी.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अदालत की अवमानना का आरोप लगाने वाली एक याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर की गई है. इस संबंध में न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम का ध्यान आकर्षित किया गया है और अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है. इसे देखते हुए जज ने गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने की सलाह दी है. अलीपुर कोर्ट में मंगलवार को वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री के भाषण के एक हिस्से की शिकायत की.

भट्टाचार्य ने अखबार की खबर के हवाले से मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा. कथित तौर पर, ममता बनर्जी ने कहा कि 'मुख्य न्यायाधीश यहां नहीं हैं, मैं सुब्रत से कहूंगी कि यहां कौन है, यह मेरी निजी राय है, कृपया इतनी आसानी से नौकरी न लें.' मुख्यमंत्री के भाषण के इस हिस्से समेत कई हिस्सों पर आरोप लगाए गए हैं. नौकरी रद्द करने को लेकर कई टिप्पणियों के आधार पर भट्टाचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी. गौरतलब है कि शिक्षा से जुड़े मामले में एकल पीठ के फैसले से संतुष्ट नहीं होने पर वादकारियों ने न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था.

जस्टिस तालुकदार की खंडपीठ के समक्ष ग्रुप-सी, ग्रुप-डी, प्राथमिक, नौवीं और दसवीं कक्षा के सभी मामले लंबित हैं. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय और जस्टिस बिस्वजीत बोस पिछले कुछ महीनों से ग्रुप-डी, ग्रुप-सी, 9वीं-10वीं के शिक्षकों की भर्ती समेत कई मामलों में हजारों अभ्यर्थियों को बर्खास्त कर चुके हैं. सीबीआई-ईडी की जांच में आए दिन भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अलीपुर कोर्ट में मुख्यमंत्री का बयान आसन्न पंचायत चुनाव के मद्देनजर अहम है.

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इससे पहले, मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की थी कि बेरोजगारों को फिर से रोजगार दिया जाएगा और इससे अदालत में बहस शुरू हो गई. अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. वकील भट्टाचार्य के मुताबिक, चूंकि वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हैं, इसलिए असल में वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं. इस संबंध में खंडपीठ ने वादकारियों को हलफनामे के जरिए अपने बयान देने को कहा है. इस मामले को लेकर गुरुवार को बेंच फैसला करेगी.

Last Updated : Mar 15, 2023, 4:46 PM IST
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