लखनऊ : पेप्सिको के अधिकृत स्टोर से खरीदे गए स्पोर्ट्स ड्रिंक में फंगस निकलने और पैसे लेकर ब्राड बैंड कनेक्शन (complaint of fungus in sports drink) न देने की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता को एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया गया है, वहीं रिलायंस कम्युनिकेशन को भी जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि उन्होंने ब्रॉडबैंड कनेक्शन के बावजूद भुगतान नहीं किया. रिलायंस को नौ फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होगा, साथ ही 15 हजार जुर्माना भी देना होगा.
पेप्सिको के अधिकृत स्टोर से खरीदे गए स्पोर्ट्स ड्रिंक में फंगस निकलने की शिकायत की अनदेखी के मामले में उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम ने एक लाख दस हजार रुपये को जुर्माना लगाया है. अर्जुनगंज निवासी भरत ने उपभोक्ता फोरम को बताया कि 'नोएडा में पेप्सिको का अधिकृत स्टोर गेटोरेड है. 22 मार्च 2021 को उन्होंने स्टोर से स्पोर्ट्स ड्रिंक खरीदा था. इस दौरान कोविड की बंदिशों के चलते बिल वॉट्सएप पर भेजने की बात कही गई. घर आकर बोतल खोलने पर फंगस देख स्टोर में शिकायत की. इसके बावजूद कोई सुनवाई तो दूर बिल तक नहीं दिया गया. नोटिस भेजने के बावजूद जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद अलीगंज स्थित लैब में जांच करवाने पर ड्रिंक खराब होने की पुष्टि हुई थी. रिपोर्ट के आधार पर उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी.
उपभोक्ता फोरम द्वितीय के अध्यक्ष अमरजीत त्रिपाठी और सदस्य प्रतिभा सिंह ने सुनवाई करते हुए 20 अक्टूबर 2023 को जारी आदेश में उपभोक्ता को एक लाख दस हजार रुपये बतौर जुर्माना देने की बात कही है. समय से जुर्माना नहीं देने पर नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करना होगा. उपभोक्ता फोरम द्वितीय के अध्यक्ष अमरजीत त्रिपाठी और प्रतिभा सिंह ने ब्रॉड बैंड कनेक्शन न देने के मामले में रिलायंस कम्युनिकेशन पर भी जुर्माना लगाया है. कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी निवासी सुरेंद्र विक्रम सिंह ने फोरम में शिकायत करते हुए बताया कि 28 मार्च 2016 को रिलायंस कम्युनिकेशन को 1491 रुपये भुगतान कर ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. आरोप लगाया कि भुगतान के बावजूद कनेक्शन हुआ. कई बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. फोरम ने कंपनी की लापरवाही मानते हुए पांच अक्टूबर को आदेश दिया कि परिवाद दर्ज करने की तारीख से भुगतान की रकम नौ फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से चुकाई जाए. इसके साथ ही मानसिक प्रताड़ना और वाद व्यय के रूप में भी कंपनी पर 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया.