अहमदाबाद : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अयोध्या के राममंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा एवं देश के 'अमृतकाल' की शुरूआत महज एक संयोग नहीं है, बल्कि यह इस बात का संकेत है कि देश अगले 25 साल में वैश्विक मंच पर प्रमुखता से उभरेगा. 'अमृतकाल' भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष से 100 वर्ष तक की 25 वर्ष की अवधि को संदर्भित करता है. अयोध्या में अगले महीने होने वाले भव्य समारोह के बारे में शाह ने कहा कि पिछले कई वर्षों से देश उस स्थान पर मंदिर बनाने में असफल रहा, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और जिसे 550 साल पहले ध्वस्त कर दिया गया था.
शाह ने कहा, इन वर्षों में, कई संतों ने विभिन्न तरह की तपस्या की और इस देश को जागृत करने और अपनी 'वर्षों पुरानी, सनातन संस्कृति' की ओर लौटने के लिए प्रार्थना की, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. स्वामीनारायण गुरुकुल विश्व विद्या प्रतिष्ठानम (एसजीवीपी) की ओर से आयोजित पूज्य पुराणी स्वामी स्मृति महोत्सव को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, '(अदालती) मामलों को जटिल बनाया गया और इसमें देरी की गयी. इसके बाद नरेंद्रभाई के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ और संतों के आशीर्वाद और प्रेरणा से सभी रास्ते आसान हो गए और 22 जनवरी को रामलला अपने घर में एक बार फिर से विराजेंगे.'
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Today, I attended the Pujya Purani Swami Smruti Mahotsav celebration of Shri Swaminarayan Gurukul Vishwavidya Pratishthanam (SGVP) in Ahmedabad.
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SGVP Gurukul is shaping India's future by creating scholars and patriots through education in culture, morality, Vedic knowledge, and… pic.twitter.com/D9shrl2HNg
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उन्होंने कहा, 'प्रभु श्री राम के मंदिर की पुनर्स्थापना और भारत के अमृतकाल की शुरुआत, यह इशारा है कि यह भारत का स्वर्णिम समय है और अगले 25 साल में हमारा देश विश्व में सर्वप्रथम बनने जा रहा है.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी को एक शुभ मुहूर्त में अयोध्या के मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. शाह ने कहा, 'आज पूरे विश्व में हमारे योग और आयुर्वेद को स्वीकृति मिल रही है और हमारे वेदों, उपनिषदों और दर्शन के सभी वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को समझने के लिए पूरा विश्व लालायित है.'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे और वहां संतों की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, यह पूरे देश के लिये शुभ संकेत है.' उन्होंने कहा कि सिर्फ अयोध्या ही नहीं, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पुनर्निमित हुआ है, उज्जैन में महाकाल लोक बना है, बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हुआ है, सोमनाथ के मंदिर को फिर से एक बार सोने का बनाने की शुरुआत हो चुकी है और गुजरात के पावागढ़ पर सालों बाद फिर से शक्तिपीठ की स्थापना भी होगी, यह शुरुआत एक शुभ संकेत है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मोदी के नेतृत्व ने देश की आत्मा को जगाने का काम किया है. उन्होंने कहा, 'दुनिया आज भारत की विरासत के बारे में जानने को उत्सुक है. अध्यात्म से लेकर आयुर्वेद तक, सामाजिक विज्ञान से लेकर सौर ऊर्जा तक, गणित से लेकर मेटावर्स तक और शून्य से लेकर अंतरिक्ष तक, सभी क्षेत्रों में पूरे विश्व में भारत का दबदबा है.' शाह ने कहा, 'भारत को आजादी मिलने के बाद, भारत में आस्था रखने वाले लोगों को यह लगने लगा कि देश भारत बनने के अपने प्रयासों में दिशा खो चुका है और कहीं और जा रहा है. उन्होंने कहा, 'फिर मोदी प्रधानमंत्री बने और पूरी दुनिया भारत की प्रशंसा कर रही है.'
उन्होंने कहा, 'यह तनाव हर किसी के मन में सालों से था. राजनीति के अंदर इस दिशा को बदलने के लिए हम सभी भाजपा कार्यकर्ता 1950 से प्रयासरत रहे हैं. फिर एक दिन ऐसा आया, जब गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री (नरेंद्र मोदी) देश के प्रधानमंत्री बन गए. आज पूरी दुनिया भारत की प्रशंसा कर रही है.' गृह मंत्री ने कहा, नरेंद्र भाई ने कहा है कि भारत की आज़ादी के 75 वर्ष से लेकर 100 वर्ष तक का काल अमृतकाल होगा. उन्होंने कहा, 2047 में जब देश अपनी आजादी की शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब कोई ऐसा क्षेत्र नहीं होगा, जहां भारत दुनिया में पहले स्थान पर न हो. शाह ने कहा, 'आज देश की जनता ने ऐसा भारत बनाने का संकल्प लिया है.'
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