चंडीगढ़ : कांग्रेस ने हरियाणा के दो निर्दलीय विधायकों के खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने का स्वागत किया है. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मैं निर्दलीय विधायकों को पीड़ित किसानों का समर्थन करने और अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के लिए बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अन्य निर्दलीय विधायक भी आगे आएंगे और इसी तरह का साहसी फैसला लेंगे.
पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि कल जब किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया तो उम्मीद थी कि मोदी सरकार किसानों की पुकार सुनेगी और तीन कृषि विरोधी कानूनों को खत्म करने की घोषणा करेगी, लेकिन कृषि मंत्री ने विशेष कमेटी का जुमला पेशकर किसानों के आंखों में धूल झोंकने का काम किया.
सुरजेवाला ने कहा कि क्या पीएम और भाजपा पार्टी की सरकार बताएगी कि तीन खेती विरोधी कानूनों पर विचार करने के लिए कानून बनाने से पहले यह कमेटी क्यों नहीं बनाई गई. मोदी सरकार ने यह काले कानून चोर दरवाजे से अध्यादेश बनाकर क्यों लेकर आई.
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस और विपक्षी दलों ने देश की संसद में इन कानूनों का विरोध किया था और इन्हें संसद की विशेष समिति में भेजने की मांग रखी थी तो मोदी सरकार ने उस मांग को क्यों नहीं माना. क्या जो काम विशेष कमेटी करेगी वो संसद की विशेष समिति को नहीं करना चाहिए था.
बता दें, चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद अब उन्होंने सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया है. सोमबीर सांगवान ने कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दिया था. बता दें कि निर्दलीय विधायक सोमबीर, सांगवान खाप के प्रधान भी हैं. किसानों के समर्थन में उतरी सर्व खाप आज किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच कर चुकी है.
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विधायक सांगवान किसान आंदोलन के समर्थन में सांगवान खाप के साथ मंगलवार सुबह दिल्ली कूच कर गए. सोमवार को सांगू धाम पर खाप की सर्वजातीय बैठक करने के बाद सोमबीर सांगवान ने कहा कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद सरकार ने उन्हें पशुधन विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाया था. किसान आंदोलन को समर्थन देने के चलते उन्होंने सरकार को इस्तीफा भेज दिया है. विधायक ने कहा कि उनके लिए समाज और भाईचारा पहले है, जबकि राजनीति और पद का उन्हें कोई लोभ-लालच नहीं है.
बता दें इससे पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पहले ही मनोहर लाल सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि सीएम मनोहर लाल खट्टर की कथनी और करनी में फर्क है.
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