नई दिल्ली : कांग्रेस ने सार्वजनिक प्रतिक्रिया और समीक्षा अभ्यास के बाद गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों (26 Lok Sabha seats in Gujarat) पर जमीन तैयार करने का फैसला किया है.
गुजरात के एआईसीसी प्रभारी मुकुल वासनिक ने अहमदाबाद में राज्य इकाई प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल और सीएलपी नेता अमित चावड़ा के साथ पिछले दो दिनों में राज्य की सभी 26 संसदीय सीटों की समीक्षा की.
पिछले दो महीनों में राज्य के प्रभारी एआईसीसी सचिवों और वरिष्ठ नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की संभावनाओं पर जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए राज्य भर में यात्रा की.
चावड़ा ने इस चैनल को बताया, 'प्रतिक्रिया सकारात्मक है. प्रत्येक वरिष्ठ नेता को सर्वेक्षण के लिए कुछ सीटें सौंपी गईं. एआईसीसी प्रभारी ने पिछले दो दिनों में सभी सीटों की समीक्षा की. तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि कांग्रेस को राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों पर लड़ने के लिए जमीन तैयार करनी चाहिए.'
सीएलपी नेता के मुताबिक, फीडबैक के आधार पर राज्य भर के सभी 250 ब्लॉकों में जन संपर्क कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है. चावड़ा ने कहा कि 'हमें उम्मीद है कि दीपावली के बाद हमारा जन संपर्क कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. सभी वरिष्ठ नेता सड़कों पर उतरेंगे. हम बेरोजगारी और महंगाई जैसी जनता की समस्याओं पर बात करेंगे और कांग्रेस को विकल्प के तौर पर पेश करेंगे.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ओबीसी आरक्षण, शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए स्कूलों में अनुबंध के आधार पर शैक्षिक सहायकों की नियुक्ति और लगभग 20 लाख हीरा उद्योग के श्रमिकों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि 'हीरा उद्योग विभिन्न जिलों में लगभग 20 लाख लोगों को रोजगार देता है लेकिन सूरत हीरा व्यापार का केंद्र बन गया है. गुजरात के हीरा उद्योग पर संकट मंडरा रहा है. पिछले दो महीनों में, आजीविका के मुद्दों पर 30 श्रमिकों ने आत्महत्या कर ली है. हीरा उद्योग को नुकसान हो रहा है क्योंकि यूक्रेन युद्ध और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रूस और उसके पड़ोसी क्षेत्रों से आने वाले कच्चे हीरों की आपूर्ति प्रभावित हुई है. हम राज्य सरकार से उनके लिए वित्तीय पैकेज की मांग करने के लिए अगले सप्ताह सूरत में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं.' चावड़ा ने कहा कि यह मुद्दा अगले लोकसभा चुनाव पर असर डालेगा.
पोरबंदर क्षेत्र का दौरा करने वाले गुजरात के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप कुमार के अनुसार 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाला AAP फैक्टर राज्य में मजबूत नहीं है.
उन्होंने कहा कि 'विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने 'आप' के लिए वोट किया था, वह कांग्रेस की ओर लौट रहे हैं. थोड़ा प्रयास करने से कांग्रेस के लिए अपना मूल 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करना मुश्किल नहीं होगा. जब राष्ट्रीय चुनावों की बात आती है, तो वे कांग्रेस को भाजपा के एकमात्र विकल्प के रूप में देखते हैं.'
विधानसभा चुनावों में AAP ने कांग्रेस के वोट झटक लिए थे, जिससे सबसे पुरानी पार्टी का वोट शेयर 40 प्रतिशत से गिरकर 28 प्रतिशत हो गया था. चावड़ा ने कहा कि '13 प्रतिशत वोट शेयर आधे से भी कम हो गया है क्योंकि कई AAP कार्यकर्ता हमारे साथ आ गए हैं. लोकसभा चुनाव में उनका कोई खास महत्व नहीं है.'