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कांग्रेस का BJP पर तंज- भगवान राम सबके, लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हम ले जाएंगे

राम मंदिर को लेकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने कहा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के उद्धाटन अवसर पर वह लोगों को अयोध्या ले जाएंगे. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इसको लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए लेकिन भाजपा इस पर राजनीति कर रही है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट... Ayodhya temple issue, Congress to counter BJP,temple inauguration day,temple of Lord Ram

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 3:07 PM IST

नई दिल्ली : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या मंदिर मुद्दे पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस आक्रामक हो रही है. इसी कड़ी में पार्टी की पंजाब इकाई 22 जनवरी 2024 को लोगों को ट्रेन या बसों से उत्तर प्रदेश के अयोध्या ले जाने की योजना बना रही है. इसी दिन पीएम मोदी भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन करेंगे.

मंदिर ट्रस्ट द्वारा उद्घाटन दिवस के लिए पहले से ही बड़े समारोहों की योजना बनाई जा रही है जिसमें पीएम मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. इस संबंध में पंजाब के प्रभारी एआईसीसी सचिव चेतन चौहान ने बताया कि हम 22 जनवरी 2024 को लोगों को अयोध्या ले जाने की योजना बना रहे हैं. हम देश को यह दिखाने के लिए उस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं कि भारत एकीकृत है. भाजपा हमें आमंत्रित नहीं कर रही है इसलिए हम अपनी व्यवस्था खुद कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके हैं. यह बीजेपी या पीएम मोदी का नहीं है. गुरु ग्रंथ साहिब में भगवान के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. चाहे कोई व्यक्ति सिख हो या नहीं, वह भगवान राम का आदर करता है. भगवान केवल किसी पार्टी या व्यक्ति के नहीं हो सकते. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मंदिर का उद्घाटन कौन करता है. बहुत से लोग मंदिर उद्घाटन के दिन अयोध्या में रहना चाहते हैं.

वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि बीजेपी कह सकती है कि सिर्फ बीजेपी वालों को जाने की इजाजत है, कांग्रेस वालों को नहीं. इसलिए, अगर प्रधानमंत्री लोगों को अयोध्या पहुंचाने के लिए ट्रेनें उपलब्ध कराते हैं तो ठीक है, अन्यथा हम उनके लिए पवित्र शहर तक पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था करेंगे. चौहान और वारिंग दोनों के अनुसार, लोगों को अयोध्या ले जाने की कांग्रेस की योजना के पीछे कोई राजनीति शामिल नहीं है. भगवान राम सबके हैं और मंदिर के उद्घाटन के दिन सभी को वहां मौजूद रहने का अधिकार है. भाजपा को भी मंदिर पर राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन दुख की बात है कि वे ऐसा कर रहे हैं.

चौहान ने कहा कि हालांकि मंदिर का निर्माण एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, लेकिन मेहमानों की सूची को पीएमओ द्वारा मंजूरी दी जा रही है. भाजपा पहले से ही इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले और अधिक राजनीति करेगी. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस के कदम से लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा, लेकिन स्पष्ट किया कि जाति जनगणना पर सबसे पुरानी पार्टी का जोर भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करने के लिए नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी कहते रहे हैं कि सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय संपत्तियों के न्यायसंगत वितरण के लिए जाति जनगणना जरूरी है. यह हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला करने के लिए नहीं है. लेकिन बीजेपी मंदिर मुद्दे से फायदा लेने की कोशिश कर रही है. इसके खिलाफ हमने एक भारतीय गठबंधन बनाया है जो भाजपा का मुकाबला करने के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास के एजेंडे को उजागर करेगा. भाजपा के पास कोई विकास एजेंडा नहीं है, वे सिर्फ अंग्रेजों की तरह काम करते हैं और शासन करने के लिए लोगों को विभाजित करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के साझेदार भी समझते हैं कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्हें सामूहिक रूप से भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें - पीएम मोदी 25 दिसंबर को करेंगे अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन, दिल्ली और अहमदाबाद के लिए मिलेंगी फ्लाइट

नई दिल्ली : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या मंदिर मुद्दे पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस आक्रामक हो रही है. इसी कड़ी में पार्टी की पंजाब इकाई 22 जनवरी 2024 को लोगों को ट्रेन या बसों से उत्तर प्रदेश के अयोध्या ले जाने की योजना बना रही है. इसी दिन पीएम मोदी भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन करेंगे.

मंदिर ट्रस्ट द्वारा उद्घाटन दिवस के लिए पहले से ही बड़े समारोहों की योजना बनाई जा रही है जिसमें पीएम मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. इस संबंध में पंजाब के प्रभारी एआईसीसी सचिव चेतन चौहान ने बताया कि हम 22 जनवरी 2024 को लोगों को अयोध्या ले जाने की योजना बना रहे हैं. हम देश को यह दिखाने के लिए उस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं कि भारत एकीकृत है. भाजपा हमें आमंत्रित नहीं कर रही है इसलिए हम अपनी व्यवस्था खुद कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके हैं. यह बीजेपी या पीएम मोदी का नहीं है. गुरु ग्रंथ साहिब में भगवान के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. चाहे कोई व्यक्ति सिख हो या नहीं, वह भगवान राम का आदर करता है. भगवान केवल किसी पार्टी या व्यक्ति के नहीं हो सकते. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मंदिर का उद्घाटन कौन करता है. बहुत से लोग मंदिर उद्घाटन के दिन अयोध्या में रहना चाहते हैं.

वहीं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि बीजेपी कह सकती है कि सिर्फ बीजेपी वालों को जाने की इजाजत है, कांग्रेस वालों को नहीं. इसलिए, अगर प्रधानमंत्री लोगों को अयोध्या पहुंचाने के लिए ट्रेनें उपलब्ध कराते हैं तो ठीक है, अन्यथा हम उनके लिए पवित्र शहर तक पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था करेंगे. चौहान और वारिंग दोनों के अनुसार, लोगों को अयोध्या ले जाने की कांग्रेस की योजना के पीछे कोई राजनीति शामिल नहीं है. भगवान राम सबके हैं और मंदिर के उद्घाटन के दिन सभी को वहां मौजूद रहने का अधिकार है. भाजपा को भी मंदिर पर राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन दुख की बात है कि वे ऐसा कर रहे हैं.

चौहान ने कहा कि हालांकि मंदिर का निर्माण एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, लेकिन मेहमानों की सूची को पीएमओ द्वारा मंजूरी दी जा रही है. भाजपा पहले से ही इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले और अधिक राजनीति करेगी. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस के कदम से लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा, लेकिन स्पष्ट किया कि जाति जनगणना पर सबसे पुरानी पार्टी का जोर भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करने के लिए नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी कहते रहे हैं कि सामाजिक न्याय और राष्ट्रीय संपत्तियों के न्यायसंगत वितरण के लिए जाति जनगणना जरूरी है. यह हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला करने के लिए नहीं है. लेकिन बीजेपी मंदिर मुद्दे से फायदा लेने की कोशिश कर रही है. इसके खिलाफ हमने एक भारतीय गठबंधन बनाया है जो भाजपा का मुकाबला करने के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास के एजेंडे को उजागर करेगा. भाजपा के पास कोई विकास एजेंडा नहीं है, वे सिर्फ अंग्रेजों की तरह काम करते हैं और शासन करने के लिए लोगों को विभाजित करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत के साझेदार भी समझते हैं कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्हें सामूहिक रूप से भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करने की जरूरत है.

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