नई दिल्ली: बीजिंग द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदलने के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश जून 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने की कीमत चुका रहा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, यह जून 2020 में पीएम मोदी द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट की कीमत है. लगभग तीन साल बाद चीनी सेना हमारे गश्ती दल को डेपसांग मैदानों तक जाने से रोक रही है, जहां तक हमारी पहले पहुंच थी और अब चीन अरुणाचल प्रदेश में हमारी स्थिति को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है.
उन्होंने कहा कि एक शीर्ष चीनी राजनयिक ने हाल ही में दावा किया था कि भारत-चीन सीमा की स्थिति अब स्थिर है. लेकिन चीन के उकसावे और अतिक्रमण जारी हैं. इसने अब अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के लिए चीनी नामों का तीसरा सेट जारी किया है, ऐसा पहले 2017 और 2021 में किया था. जयराम ने कहा, अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहा है और रहेगा.
अरुणाचल प्रदेश के लोग भारत के गौरवशाली और देशभक्त नागरिक हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए भारत और सभी भारतीयों के सामूहिक संकल्प पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. भारतीय राज्य पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के अपने प्रयासों के तहत, चीन ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश में उन 11 स्थानों की सूची जारी की जिनके नाम उसने बदल दिए हैं. सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए अरुणाचल को भारत का अभिन्न अंग बताया. चीन ऐसे प्रयास पहले भी कर चुका है. 2017 और 2021 में नाम बदलने के प्रयास किए गए.
(आईएएनएस)