कोच्चि: केरल के सीएम ने गुजरात सरकार के ई-गवर्नेंस मॉडल का अध्ययन करने के लिए अपने मुख्य सचिव को वहां भेजने का फैसला लिया है. केरल के लिए डैशबोर्ड सिस्टम का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव वीपी जॉय के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम को तीन दिनों के लिए गुजरात भेजने का आदेश दिया है. इस फैसले के बाद से राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है. राज्य विधानमंडल के विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने राज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है. साथ ही पूछा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ उनके प्रेम का क्या कारण है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का मानना है कि भाजपा शासित गुजरात में सुशासन हो रहा है. कांग्रेस ने पूछा कि मुख्यमंत्री ने अभी अपने मुख्य सचिव को वहां सुशासन के मॉडल के अध्ययन करने के लिए भेजा है. क्या वह (मुख्यमंत्री) पीएम मोदी से मिलने और उनसे सुशासन का ज्ञान लेने के लिए स्वयं भी दिल्ली जाएंगे ?
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, केरल सरकार का फैसला काफी अजीबोगरीब है. एक तरफ सीपीएम के नेतृत्व वाली केरल सरकार दिन के उजाले में भाजपा और उसकी नीतियों का विरोध करती है और रात के अंधेरे में वे भाजपा के दोस्त बन जाते हैं. गुजरात और केरल सरकार के बीच संबंध बढ़ाकर, केरल सरकार भाजपा और संघ परिवार के साथ अपनी नजदीकियों का प्रदर्शन कर रही है. केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने भी राज्य में सीपीएम सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का विरोध किया.
केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन ने संवाददाताओं से कहा, "सीपीएम की मुख्य दुश्मन कांग्रेस पार्टी है और वे कांग्रेस पार्टी को नष्ट करना चाहते हैं. सीपीएम ने यह कहकर भाजपा के पक्ष में अपना रास्ता खोल दिया है कि वे कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के लिए तैयार नहीं हैं. जिस तरह से वे केरल में कांग्रेस को समाप्त करना चाहते हैं उसके लिए उन्हें भाजपा और सीपीएम की जरूरत है. केरल सरकार ने सोमवार को ई-गवर्नेंस के लिए डैशबोर्ड सिस्टम का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव वीपी जॉय के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम को तीन दिनों के लिए गुजरात भेजने का फैसला किया. केरल 2019 में शुरू हुए डैशबोर्ड सिस्टम का अध्ययन कर रहा है, जब विजय रूपाणी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
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एएनआई