नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को सांसद केसी वेणुगोपाल ने अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की. उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग हुए वेणुगोपाल ने अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की चर्चा करते हुए कहा कि एक व्यक्ति की संपत्ति दो-ढाई साल में 12-13 गुना बढ़ कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गई.
उन्होंने इतनी तेज गति से संपत्ति बढ़ने पर सवाल करते हुए कहा कि कंपनी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित की जानी चाहिए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो सकेगा. उन्होंने सवाल किया कि सरकार जेपीसी के गठन से क्यों डर रही है ? उन्होंने कहा कि लेकिन विपक्ष अपनी इस मांग को नहीं छोड़ने वाला है.
वेणुगोपाल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अडाणी समूह को भारी रकम कर्ज के तौर पर दी है और समूह उसी राशि से सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रमों को खरीद रहा है. वेणुगोपाल के भाषण के दौरान कभी बार सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच टोकाटोकी हुई. इसी दौरान सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी मांग से असहमति जताई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता जो सांसद हैं, उनकी संपत्ति 2014 में 16 गुना की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता के संबंध में जानकारी सार्वजनिक है.
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वेणुगोपाल ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के नेता नफरत की बात करते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में हाल में संपन्न 'भारत जोड़ो यात्रा' का जिक्र करते हुए कहा कि 3600 किलोमीटर लंबी वह यात्रा किसी के खिलाफ नहीं थी बल्कि लोगों के विचारों को सुनने और उनकी बातों से मार्गदर्शन लेने के लिए थी.
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार सांसद और मंत्री भी हिंदू-मुस्लिम की बात करते रहते हैं. उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिर जाने पर प्रताड़ित करने की घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि अगर अनुसूचित जाति के सदस्य हिंदू हैं तो उन्हें मंदिर जाने की अनुमति क्यों नहीं होनी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार हमेशा चुनावी मोड में रहती है. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि संसद जब चलती है, तब भी प्रधानमंत्री चुनावी रैली करते हैं. उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में रहने के दौरान भी प्रधानमंत्री ने उनके संसदीय क्षेत्र गुलबर्गा में दो-दो बैठकें (सभाएं) कीं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में मौजूद थे.