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Congress Reached Raj Bhavan Against Raman Singh: रमन सिंह के पास है अनुपातहीन संपत्ति, राज्यपाल जांच की अनुमति दें : सुशील आनंद शुक्ला

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है. मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति की जांच की अनुमति हेतु राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, आरपी सिंह के अलावा अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.

Congress Reached Raj Bhavan Against Raman Singh
रमन सिंह की संपत्ति के जांच की अनुमति हेतु ज्ञापन सौंपा
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Published : Jan 31, 2023, 8:48 PM IST

रमन सिंह की संपत्ति के जांच की अनुमति हेतु ज्ञापन सौंपा

रायपुर: चुनावी दौर के नजदीक आते-आते पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति का मामला सबसे ऊपर है. राज्य में कांग्रेस पार्टी के सभी पदाधिकारी और नेता अक्सर रमन सिंह की संपत्ति के बारे में चर्चा करते नजर आते हैं. इसी कड़ी में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति की जांच की अनुमति हेतु राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.

"कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति आवश्यक": कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि "ऐसा है कि रमन सिंह की संपत्ति की जांच ईओडब्ल्यू और आर्थिक अन्वेषण विभाग द्वारा शुरू की जा चुकी है. जिसके बाद प्रथम दृष्टया आवेदन जो मिला था, उसके आधार पर जांच शुरू की जा चुकी है. पर आगे की कार्रवाई के लिए महामहिम राज्यपाल की अनुमति आवश्यक होती है, जो कि अभी तक राज्यपाल के पास लंबित है. इसीलिए आज हम राजभवन अनुमति के लिए आए हैं.

रमन सिंह पर अनुपातहीन संपत्ति बनाने का आरोप: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "रायपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश दुबे के नेतृत्व में समस्त कांग्रेस के पदाधिकारी आज राजभवन पहुंचे हैं. महामहिम से विनती की है तत्काल मंजूरी दें और जो उनके (रमन सिंह) ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उसकी जांच शुरू की जा सके. आरोप है कि अनुपातहीन संपत्ति उन्होंने मुख्यमंत्री रहते बनाया है, जिसके बारे में छत्तीसगढ़ के जनता के बीच खुलासा हो."

यह भी पढ़ें: Expectations from Union Budget 2023: छत्तीसगढ़ के लोगों को आम बजट से क्या है उम्मीदें, लोगों से जानिए कैसा हो बजट ?


रमन सिंह ने कोर्ट के नोटिस का दिया था जवाब: कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कहा था कि "उन्होंने पूर्व में चुनाव आयोग में अपनी संपत्ति का गलत विवरण दिया. जिस वजह से रमन सिंह के संपत्ति को लेकर छग हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट द्वारा पूर्व सीएम को नोटिस जारी कर जवाब देने निर्देश दिए गए. जिसमें पूर्व सीएम के अधिवक्ता ने 10 दिन का समय मांगा था. वहीं कोर्ट द्वारा उन्हें मोहलत दे दी गई थी, जिसके बाद तय सीमा में अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में जवाब भी पेश कर दिया गया था."

रमन सिंह की संपत्ति पर उठाए सवाल: 4 अगस्त 2020 को सबसे पहले विनोद तिवारी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया गया था. तिवारी ने आरोप लगाते हुए बताया था कि "1998 का चुनाव हारने के बाद रमन सिंह कर्ज में थे. फिर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने. 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान रहे. इनके परिवार के पास कोई खास आय का स्त्रोत नहीं था. मगर चुनावी शपथ में सोना चांदी, बैंक एफडी की जानकारी दी थी. यह सब कहां से आए, इसकी जानकारी नहीं दी गई."

रमन सिंह की संपत्ति के जांच की अनुमति हेतु ज्ञापन सौंपा

रायपुर: चुनावी दौर के नजदीक आते-आते पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति का मामला सबसे ऊपर है. राज्य में कांग्रेस पार्टी के सभी पदाधिकारी और नेता अक्सर रमन सिंह की संपत्ति के बारे में चर्चा करते नजर आते हैं. इसी कड़ी में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति की जांच की अनुमति हेतु राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.

"कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति आवश्यक": कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि "ऐसा है कि रमन सिंह की संपत्ति की जांच ईओडब्ल्यू और आर्थिक अन्वेषण विभाग द्वारा शुरू की जा चुकी है. जिसके बाद प्रथम दृष्टया आवेदन जो मिला था, उसके आधार पर जांच शुरू की जा चुकी है. पर आगे की कार्रवाई के लिए महामहिम राज्यपाल की अनुमति आवश्यक होती है, जो कि अभी तक राज्यपाल के पास लंबित है. इसीलिए आज हम राजभवन अनुमति के लिए आए हैं.

रमन सिंह पर अनुपातहीन संपत्ति बनाने का आरोप: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "रायपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश दुबे के नेतृत्व में समस्त कांग्रेस के पदाधिकारी आज राजभवन पहुंचे हैं. महामहिम से विनती की है तत्काल मंजूरी दें और जो उनके (रमन सिंह) ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उसकी जांच शुरू की जा सके. आरोप है कि अनुपातहीन संपत्ति उन्होंने मुख्यमंत्री रहते बनाया है, जिसके बारे में छत्तीसगढ़ के जनता के बीच खुलासा हो."

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रमन सिंह ने कोर्ट के नोटिस का दिया था जवाब: कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने कहा था कि "उन्होंने पूर्व में चुनाव आयोग में अपनी संपत्ति का गलत विवरण दिया. जिस वजह से रमन सिंह के संपत्ति को लेकर छग हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट द्वारा पूर्व सीएम को नोटिस जारी कर जवाब देने निर्देश दिए गए. जिसमें पूर्व सीएम के अधिवक्ता ने 10 दिन का समय मांगा था. वहीं कोर्ट द्वारा उन्हें मोहलत दे दी गई थी, जिसके बाद तय सीमा में अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में जवाब भी पेश कर दिया गया था."

रमन सिंह की संपत्ति पर उठाए सवाल: 4 अगस्त 2020 को सबसे पहले विनोद तिवारी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया गया था. तिवारी ने आरोप लगाते हुए बताया था कि "1998 का चुनाव हारने के बाद रमन सिंह कर्ज में थे. फिर 2003 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने. 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान रहे. इनके परिवार के पास कोई खास आय का स्त्रोत नहीं था. मगर चुनावी शपथ में सोना चांदी, बैंक एफडी की जानकारी दी थी. यह सब कहां से आए, इसकी जानकारी नहीं दी गई."

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